कांग्रेस पार्टी अंतर्कलह से जूझ रही है: भाजपा

गुवाहाटी, 21 अक्टूबर (हि.स.)। असम प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस पार्टी के नेताओं में एकता नहीं है, लेकिन वे भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए विपक्षी एकता की बात करते हैं। यह न केवल हास्यास्पद है, बल्कि शर्मनाक भी है। बिहाली उप-चुनाव में पार्टी के भीतर हालिया घमासान कांग्रेस की सच्ची तस्वीर को दर्शाता है। विशेष रूप से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और एक सांसद के बीच का घमासान सभी ने देखा है। प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ प्रवक्ता रूपम गोस्वामी ने आज मीडिया में दिए गए बयान में विपक्षी गठबंधन पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस में टिकट बंटवारे में भाई भतीजा बाद किया जा रहा है।

भाजपा प्रवक्ता गोस्वामी ने कहा कि धुबड़ी के सांसद और सामगुरी विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक रकीबुल हुसैन के हालिया बयान ने एक बार फिर इस बात को साबित कर दिया है कि कांग्रेस के कार्यकाल में हुई सरकारी नौकरियों में भ्रष्टाचार हुआ था।। रकीबुल हुसैन ने सामगुरी में अपने बेटे के लिए प्रचार करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान हर पंचायत में सौ बेरोजगारों को सरकारी नौकरियां दी गई। इससे साबित होता है कि कांग्रेस के दिनों में भ्रष्टाचार, अनियमितताओं और भाई-भतीजावाद के जरिए सरकारी नौकरियां दी गई थीं। लेकिन, इसके विपरीत यह सर्वविदित है कि मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा के नेतृत्व वाली वर्तमान भाजपा सरकार ने पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ योग्यता के आधार पर नौकरियां दी हैं।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने सरकारी नौकरियों में पारदर्शिता और स्वच्छता को अपनाया है। इसके विपरीत, सांसद रकीबुल हुसैन ने अब अपनी ही पार्टी की सरकार के भ्रष्टाचार को उजागर कर दिया है।

रूपम गोस्वामी ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन बोरा जब अल्पसंख्यक इलाके में जाते हैं तो उनका बयान काफी अलग लगता है। मियां वोट बैंक के हित में भूपन बोरा अल्पसंख्यक क्षेत्र में जाकर मुला गाभरू, कुशल कोंवर, मनीराम देबान, भोगेश्वरी फुकननी आदि की चर्चा नहीं करते हैं। ऐसा लगता है कि उन्होंने कभी भी खिलंजिया लोगों की ओर से ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया है। भूपेन बोरा ने बार-बार साबित किया है कि कांग्रेस पार्टी केवल मियां समुदाय को बचाने के लिए है। चार साल पहले, उन्होंने गरूखुटी में अवैध बेदखली अभियान का विरोध किया था। भूपेन बोरा ने हमेशा अतिक्रमणकारियों और आक्रमणकारियों की ओर से आवाजें उठाई है।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश

   

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