एथेनॉल फैक्ट्री पर विवाद तेज, डेढ़ साल से लगातार ग्रामीणाें का धरना
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- Nov 18, 2025
जयपुर, 18 नवंबर (हि.स.)। हनुमानगढ़ के राठी खेड़ा गांव और उसके आसपास के ग्रामीण इलाकों में एथेनॉल फैक्ट्री को लेकर तनाव गहरा गया है। मंगलवार को किसानों और पुलिस के बीच बढ़ते विवाद के बाद स्थिति बिगड़ी, जिसके चलते प्रशासन ने राठी खेड़ा से 15 किलोमीटर के दायरे में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं। पूरा क्षेत्र पुलिस छावनी में तब्दील हो चुका है। बीकानेर और श्रीगंगानगर से आरएसी और क्यूआरटी की टीमें भी मौके पर बुला ली गई हैं।
टिब्बी क्षेत्र के गांव चक पांच आरके में प्रस्तावित 400 करोड़ की एथेनॉल फैक्ट्री का निर्माण शुरू होते ही ग्रामीणों का विरोध उभरकर सामने आ गया। किसानों का कहना है कि फैक्ट्री से होने वाला रासायनिक प्रदूषण भूजल को दूषित करेगा, जिससे खेती बर्बाद होगी और क्षेत्र में बीमारियां फैलेंगी। इसी मुद्दे पर ग्रामीण पिछले डेढ़ साल से लगातार धरना दे रहे हैं।
इस मामले में मंगलवार सुबह पुलिस ने धरने पर बैठे किसान नेता महंगा सिंह सहित 12 से अधिक प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। इसके विरोध में बड़ी संख्या में लोग सड़क पर उतर आए। जब भीड़ को संभालना मुश्किल हुआ तो विधायक अभिमन्यु पूनिया भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने भी किसानों के साथ सामूहिक गिरफ्तारी दी। बाद में सभी को छोड़ दिया गया।
ग्रामीणों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए बाहरी रास्तों पर पुलिस ने नाके लगा दिए हैं ताकि आसपास के गांवों के किसान यहां न पहुंच सकें। टिब्बी सहित कई थानों की पुलिस को तैनात किया गया है। टिब्बी एसडीएम ऑफिस के बाहर पुलिस बल लगातार निगरानी में है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राज कंवर, गीता चौधरी, डीएसपी रमेशचंद्र माचरा, कर्ण सिंह, मीनाक्षी चौधरी और टिब्बी एसडीएम सत्यनारायण सुथार ने किसानों के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत की। वार्ता के बाद बुधवार को जिला कलेक्टर के साथ बैठक कराने पर सहमति बनी है। किसानों की प्रमुख मांगों में गिरफ्तार किसानों की रिहाई और फैक्ट्री निर्माण कार्य रोकना शामिल है।
तनाव को देखते हुए अतिरिक्त जिला कलेक्टर उम्मेदीलाल मीणा, एएसपी जनेश तंवर, संगरिया एसडीएम जय कौशिक, हनुमानगढ़ एसडीएम मांगीलाल सुथार, टिब्बी एसडीएम सत्यनारायण सुथार, रावतसर एसडीएम संजय जिंदल सहित कई प्रशासनिक अधिकारी राठी खेड़ा गांव में मौजूद हैं। प्रशासन का कहना है कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। किसानों का कहना है कि डेढ़ साल से वे शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन पुलिस कार्रवाई के बीच अचानक फैक्ट्री का निर्माण शुरू कर दिया गया। किसानों का आरोप है कि एथेनॉल फैक्ट्री से निकलने वाला गंदा पानी जमीन में जाने से पूरे इलाके की मिट्टी सेम (क्षारीकरण) की चपेट में आ जाएगी। इससे हजारों एकड़ फसल नष्ट हो जाएगी और वायु प्रदूषण से आने वाली पीढ़ियां भी प्रभावित होंगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित



