न्यूनतम बस किराया वृद्धि पर भड़की माकपा, सरकार को दी आंदोलन की चेतावनी

शिमला, 20 अप्रैल (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा बसों का न्यूनतम किराया 5 रुपये से बढ़ाकर 10 रुपये करने के फैसले का विरोध शुरू हो गया है। विपक्षी दल भाजपा के बाद भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने भी इस फैसले को आम जनता के खिलाफ बताया है और सरकार से इसे तुरंत वापस लेने की मांग की है। माकपा ने चेतावनी दी है कि यदि यह जनविरोधी निर्णय वापस नहीं लिया गया तो पार्टी जनता को संगठित कर प्रदेशव्यापी आंदोलन करेगी।

माकपा के राज्य सचिव संजय चौहान ने रविवार को एक बयान में कहा कि यह वृद्धि सीधे तौर पर प्रदेश की आम जनता विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों के किसान, मज़दूर, छात्र, कर्मचारी, महिलाएं और दैनिक सफर करने वाले लोगों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ डालेगी। उन्होंने कहा कि पहले ही स्कूल बसों के किराए में 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जा चुकी है और अब न्यूनतम किराया दोगुना कर देना गरीब व मध्यम वर्ग के साथ अन्याय है।

माकपा ने सरकार के उस तर्क को भी खारिज किया है जिसमें किराया वृद्धि को एचआरटीसी को घाटे से उबारने के प्रयास के रूप में पेश किया जा रहा है। पार्टी का कहना है कि घाटे की असली वजह प्रदेश में लागू की जा रही नवउदारवादी नीतियां हैं, जिनके तहत सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को कमजोर कर निजीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है।

संजय चौहान ने आंकड़ों के हवाले से बताया कि आज एचआरटीसी के पास केवल 2573 रूट और 3150 बसें बची हैं, जबकि निजी ऑपरेटरों के पास लगभग 8300 बसें चल रही हैं और उन्हें मुनाफे वाले रूट सौंपे जा रहे हैं। इसके चलते एचआरटीसी को घाटे में धकेला जा रहा है और जनता को महंगी परिवहन सेवा के लिए मजबूर किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि बस किराए में इस तरह की भारी वृद्धि का असर शहरी क्षेत्रों विशेषकर राजधानी शिमला जैसे ट्रैफिक से जूझ रहे शहरों पर और भी अधिक गंभीर होगा। लोग सार्वजनिक परिवहन के बजाय निजी वाहनों का रुख करेंगे, जिससे ट्रैफिक जाम और प्रदूषण की समस्या और विकराल हो जाएगी।

माकपा ने सरकार से मांग की है कि वह अपने कल्याणकारी राज्य के दायित्व को निभाते हुए इस जनविरोधी निर्णय को वापस ले और सार्वजनिक परिवहन सेवा एचआरटीसी को मजबूत करने की दिशा में ठोस कदम उठाए।

माकपा ने दो टूक कहा है कि यदि सरकार ने यह फैसला वापस नहीं लिया तो पार्टी जनहित में संघर्ष तेज करेगी और सड़क पर उतरकर विरोध दर्ज कराएगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा

   

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