झज्जर : कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न और हमले से बचने के सिखाए गुर

झज्जर, 27 मार्च (हि.स.)। वैश्य आर्य शिक्षण महिला महाविद्यालय बहादुरगढ़ में कार्यशाला आयोजित कर भावी अध्यापिकाओं को कार्यस्थल पर बुरी स्थिति में आत्मरक्षा के गुर सिखाए गए और यौन उत्पीड़न के विरुद्ध जागरूक रहने के लिए प्रेरित किया गया। कॉलेज में 'सुरक्षित परिसर बनाना: यौन उत्पीड़न और हमले को रोकना' विषय पर हुई कार्यशाला की शुरुआत विद्या की देवी सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके की गई। कार्यशाला में मुख्य वक्ता महिला थाना बहादुरगढ़ की प्रभारी नीलम रही। हेड कांस्टेबल टीना ने भी भावी अध्यापिकाओं के साथ विषय से संबंधित अपने अनुभव और महत्वपूर्ण जानकारियां सांझा की।छात्राओं को संबोधित करते हुए एसएचओ नीलम ने कहा कि यौन उत्पीड़न किसी भी व्यक्ति की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला गैर-स्वीकार्य व्यवहार है। इसमें शारीरिक, मौखिक और अशाब्दिक व्यवहार शामिल हो सकते हैं। उन्होंने 1997 में लागू की गई विशाखा गाइडलाइंस पर भी प्रकाश डाला, जो कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई थीं। इन गाइडलाइंस के तहत हर संस्थान में यौन उत्पीड़न की शिकायतों के निवारण के लिए आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) का गठन अनिवार्य है। टीना ने छात्राओं को आत्मरक्षा तकनीकों की जानकारी दी व प्रशिक्षण देते हुए बताया कि सतर्कता और आत्मविश्वास किसी भी विषम परिस्थिति से निपटने में सहायक होते हैं। उन्होंने भावी अध्यापिकाओं को प्रेरित किया कि वे निडर होकर अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहें और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में योगदान दें। यौन उत्पीड़न के खिलाफ बोलना न केवल आत्म-सुरक्षा का कदम है, बल्कि समाज में जागरूकता लाने का भी एक सशक्त माध्यम है। उन्होंने सभी भावी अध्यापिकाओं को प्रोत्साहित किया कि वे जागरूक रहें, आत्मरक्षा के उपाय सीखें।प्राचार्य डॉ. आशा शर्मा ने कहा कि सुरक्षित शैक्षणिक वातावरण सुनिश्चित करने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा। उन्होंने छात्राओं को आत्मविश्वास बनाए रखने और किसी भी प्रकार की असहज स्थिति में अपनी आवाज़ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया। कार्यशाला के अंत में भावी अध्यापिकाओं ने प्रश्नोत्तर सत्र में सक्रिय भाग लिया और अपने अनुभव सांझा किए। प्रिवेंशन ऑफ सेक्सुअल हरासमेंट सेल की प्रभारी प्रीतकमल ने सभी का धन्यवाद करते हुए कहा कि सुरक्षित और सशक्त परिसर का निर्माण तभी संभव है जब हर व्यक्ति यौन उत्पीड़न के खिलाफ जागरूक और संवेदनशील हो। उन्होंने भावी अध्यापिकाओं को अपने अधिकारों की जानकारी रखने और किसी भी प्रकार की अनुचित घटना की रिपोर्ट करने में संकोच न करने की सलाह दी। इस अवसर पर एएसआई सरला व पूनम, एचसी आशा और एसपीओ रजनी मौजूद रहे। इस कार्यक्रम का आयोजन प्रिवेंशन ऑफ सेक्सुअल हरासमेंट सेल, महिला प्रकोष्ठ, आईक्यूएसी, एनएसएस और वाईआरसी द्वारा किया गया।

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हिन्दुस्थान समाचार / शील भारद्वाज

   

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