हिसार : स्वतंत्रता सेनानी सरदार बाज सिंह का 104 वर्ष की आयु में निधन

राजकीय सम्मान के साथ किया गया अंतिम संस्कारहिसार, 27 जनवरी (हि.स.)। जिले के गांव बीड़ बबरान निवासी स्वतंत्रता सेनानी सरदार बाज सिंह का 104 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनका सोमवार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान को याद करते हुए प्रशासन, जनप्रतिनिधियों और समाज के लोगों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।सरदार बाज सिंह के अंतिम संस्कार में जिला प्रशासन और पुलिस ने राजकीय सम्मान के साथ श्रद्धांजलि दी। समाज शिक्षा एवं पंचायत अधिकारी जगदीश सिंह ने पुष्पमाला अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। एसआई नसीब खान के नेतृत्व में पुलिस दल ने बंदूकों की सलामी देकर उनका सम्मान किया। सरदार बाज सिंह के बेटे कुलबीर सोहल ने बताया कि उनकी तबीयत चार दिन पहले खराब हुई थी, जिसके बाद उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद रविवार को उनकी तबीयत फिर बिगड़ गई। उन्हें इलाज के लिए दोबारा अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। कुलबीर सोहल ने बताया कि सरदार बाज सिंह का जीवन और त्याग आने वाली पीढिय़ों के लिए आदर्श रहेगा। उनके जीवन के संघर्ष, साहस और सेवा से समाज और देश में बदलाव लाया जा सकता है। सरदार बाज सिंह का जन्म पंजाब के अमृतसर जिले के सोहल गांव में हुआ था। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उन्होंने अंग्रेजों द्वारा जमींदारों पर लगाए गए एक रुपये प्रति एकड़ के अन्यायपूर्ण टैक्स का विरोध किया। इस आंदोलन में उन्होंने लाहौर में प्रदर्शन किया और अपनी मांगों को मनवाने में सफलता पाई। उनके प्रयासों के कारण अंग्रेजों को यह टैक्स रद्द करना पड़ा था।सरदार बाज सिंह के पिता खेम सिंह भी स्वतंत्रता सेनानी थे। उनका पूरा परिवार देश की आजादी के लिए संघर्षरत रहा। आजादी के बाद संयुक्त पंजाब के मुख्यमंत्री प्रताप सिंह कैरों ने सरदार बाज सिंह को उनकी सेवाओं के लिए हिसार जिले के बीड़ बबरान गांव में 12 एकड़ भूमि प्रदान की थी। श्रद्धांजलि देने वालों में भाजपा जिलाध्यक्ष अशोक सैनी, उकलाना विधानसभा के विधायक नरेश सेलवाल, सिंचाई विभाग के एसई सुनील कुमार, ग्राम सचिव सत्य कुमार, एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल और बड़ी संख्या में ग्रामीण व गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

   

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