मोटापे के खिलाफ लड़ाई में साइकिलिंग फायदेमंद : मनसुख मांडविया

नई दिल्ली, 02 फरवरी (हि.स.)। केंद्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने भारत में मोटापे से लड़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान को आगे बढ़ाते हुए रविवार को यहां साइकिल चालकों के एक विविध समूह का नेतृत्व किया। मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में इस सप्ताह के फिट इंडिया संडे ऑन साइकिल कार्यक्रम में डॉक्टरों और पोषण विशेषज्ञों के समूह ने भाग लिया, जिन्होंने इस संदेश को आगे बढ़ाया। इस अवसर पर पेरिस पैरालंपिक पदक विजेता रुबीना फ्रांसिस के साथ-साथ भारती कॉलेज दिल्ली और सोनिया विहार वाटर स्पोर्ट्स क्लब के कई युवा भी मौजूद थे।

डॉ. मांडविया ने आज कहा कि मोटापा युवाओं के लिए एक बड़ी समस्या और चुनौती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का कहना है कि हर आठ में से एक व्यक्ति मोटापे से ग्रस्त है। इसलिए, आजकल व्यायाम और खेल खेलना बहुत जरूरी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देहरादून में 38वें राष्ट्रीय खेलों में इसका जिक्र किया था। हमें अपने खान-पान के प्रति बहुत सचेत रहना होगा। मोटापे के खिलाफ इस लड़ाई में साइकिलिंग लगातार फायदेमंद भूमिका निभाएगा। फिट इंडिया के जरिए हम इस लड़ाई को जीत सकते हैं।

पेरिस पैरालंपिक 2024 में कांस्य पदक विजेता रुबीना फ्रांसिस ने बताया कि कैसे फिट इंडिया संडे ऑन साइकिल इवेंट मोटापे के खिलाफ इस लड़ाई की दिशा में एक बेहतरीन कदम है। उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल से देश को अच्छे स्वास्थ्य की ओर बढ़ने और मोटापे के खिलाफ लड़ने में मदद मिलती है। सुबह-सुबह साइकिल चलाने या योग करने से न केवल जीवन में बहुत सारी सकारात्मकता आएगी बल्कि मोटापा मुक्त भारत के मिशन में भी मदद मिलेगी। एक एथलीट के तौर पर सुबह की दिनचर्या ने मेरी बहुत मदद की है और मुझे लगता है कि इसे अपनाने से आम लोगों को भी मदद मिलेगी।

मधुमेह एवं मोटापा विशेषज्ञ डॉ. त्रिभुवन गुलाटी, जो राइडर्स के समूह का हिस्सा थे, उन्होंने मोटापे से होने वाले कई स्वास्थ्य जोखिमों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि मोटापा अपने साथ 130 अलग-अलग बीमारियां लेकर आता है जैसे किडनी रोग, लिवर रोग, फैटी लिवर, प्री-डायबिटीज, डायबिटीज, महिलाओं में पीसीओडी और भी बहुत कुछ। यह एक बड़ा स्वास्थ्य मुद्दा है।

वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के सदस्य डॉ. पीयूष जैन ने कहा कि मोटापे से निपटने में साइकिल चलाना एक सकारात्मक कदम है। डॉ. जैन ने कहा कि आजकल आउटडोर गेम्स न होने की वजह से बच्चों में बहुत अधिक निष्क्रियता आ गई है। साइकिल अभियान के माध्यम से जनता को इस बारे में जागरूक करना बहुत महत्वपूर्ण है।

साई नेशनल सेंटर फॉर स्पोर्ट्स साइंस एंड रिसर्च (एनसीएसएसआर) के खेल पोषण विशेषज्ञ भी सवारों के समूह का हिस्सा थे। साई एनसीएसएसआर की स्पोर्ट्स न्यूट्रिशनिस्ट अंशु मलिक ने कहा कि एक न्यूट्रिशनिस्ट के तौर पर मैं कह सकती हूं कि साइकिल चलाने से आप हमेशा जवान दिखेंगे।

युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा साइकिलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया और एमवाई भारत के सहयोग से ‘फिट इंडिया संडे ऑन साइकिल’ का आयोजन किया जाता है। ये आयोजन देश भर में साई क्षेत्रीय केंद्रों, राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्रों और खेलो इंडिया केंद्रों में एक साथ आयोजित किए जाते हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / वीरेन्द्र सिंह

   

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