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जींद, 11 फ़रवरी (हि.स.)। जिला परिषद चेयरपर्सन मनीषा रंधावा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर मंगलवार को होने वाली बैठक फिर स्थगित हो गई। डीसी के कार्यवश बाहर होने के चलते बैठक स्थगित किए जाने का संदेश आया। जिला परिषद चेयरमैन मनीषा रंधावा ने कहा कि बार-बार बैठक स्थगित होने से विकास कार्य अटके हुए हैं। उनके पास बहुमत है, उनके पार्षद एकजुट हैं। डीसी कार्यालय ने बैठक रद्द होने की सूचना उन्हें बैठक शुरू होने से ठीक पांच मिनट पहले मिली।
हाईकोर्ट के आदेशों पर तारीख निर्धारित हुई थी। जिस पर वे कोर्ट का सहारा लेंगी। वहीं इससे पूर्व में भी डीसी के बैठक में न पहुंचने के कारण दो बार बैठक स्थगित हो चुकी है। हाईकोर्ट के आदेश पर बुलाई गई तीसरी बैठक को लेकर डीसी ने बैठक में उपस्थित होने के लिए हाईकोर्ट को आश्वस्त किया था। मगंलवार को डीसी प्रदेश के मुख्य सचिव की बैठक में भाग लेने के लिए निकल गए। इस मामले में हाईकोर्ट ने पहलेे ही 13 फरवरी को सुनवाई की तारीख निर्धारित की हुई है। बैठक के मद्देनजर डीआरडीए परिसर मे पुलिस बल को तैनात किया था।
जिला परिषद चेयरमैन को अविश्वास प्रस्ताव से पार पाने के लिए नौ पार्षदों की जरुरत है। जबकि उसने साथ 13 पार्षद खड़े हैं। असंतुष्ट पार्षदों को अविश्वास प्रस्ताव पारित कराने को लेकर 17 सदस्यों की जरूरत है। जबकि उनके पास आंकड़ा दस का भी नही जुट पा रहा है। कुछ पार्षद हालातों पर नजर रख अपना बैलेंस बनाए हुए हैं। मनीषा रंधावा अपनी मजबूत स्थिति को बनाए हुए है। आत्मविश्वास के साथ चेयरमैन मनीषा रंधावा तीसरी बार भी बैठक के लिए कार्यालय पहुंची। जबकि विरोधी गुट के पार्षद नही पहुंचे। जिप चेयरमैन के खिलाफ गत दो दिसंबर को 25 सदस्यों वाली जिप में से 18 पार्षदों ने डीसी को शपथ पत्र सौंप अविश्वास प्रस्ताव पर बैठक बुलाने की मांग की थी। जिस पर 13 दिसंबर को बैठक की तारीख निधारित की गई। डीसी के अचानक छुट्टी पर चले जाने के कारण बैठक स्थगित हो गई। जिस पर फिर से 22 जनवरी तारीख निर्धारित की गई। फिर से डीसी के बैठक मे न पहुंचने पर बैठक स्थगित हो गई थी।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजेंद्र मराठा