55वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में दिखाई गई दिल्ली मेट्रो की फिल्म

नई दिल्ली, 26 नवंबर (हि.स.)। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) की फिल्म पिलर्स ऑफ प्रोग्रेस: द एपिक स्टोरी ऑफ दिल्ली मेट्रो को गोवा में चल रहे 55वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में प्रदर्शित किया गया है।

डीएमआरसी देश में शहरी परिवहन परिदृश्य में क्रांति लाने वाले और इंजीनियरिंग चुनौतियों पर अपनी फिल्मों के लिए दो राष्ट्रीय पुरस्कारों का विजेता भी है। इस दौरान दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को मंगलवार को एक और फिल्म मिल गई। पिलर्स ऑफ प्रोग्रेस: द एपिक स्टोरी ऑफ दिल्ली मेट्रो 30 मिनट की फिल्म है। इसे गैर-फीचर फिल्म श्रेणी के तहत प्रतिष्ठित भारतीय पैनोरमा में प्रदर्शित किया गया है।

'पिलर्स ऑफ प्रोग्रेस' दिल्ली मेट्रो के निर्माण की प्रेरक कहानी है, जो दृढ़ संकल्प और नवाचार का प्रमाण है। 1980 के दशक के उत्तरार्ध से फिल्म कई चुनौतियों पर काबू पाने वाली टीम की यात्रा का अनुसरण करती है, जो दिल्ली के विविध ताने-बाने को दर्शाती है। सभी बाधाओं के बावजूद मेट्रो प्रणाली मानवीय दृढ़ता और प्रगति का प्रतीक है। यह कहानी आशा की किरण है, जो एक उज्ज्वल भविष्य को आकार देने में एकता और दूरदर्शिता की शक्ति का जश्न मनाती है।

उल्लेखनीय है कि डीएमआरसी ने अतीत में अपनी फिल्मों के लिए दो राष्ट्रीय पुरस्कार जीते हैं, जिनका शीर्षक है- 'द ड्रीम फुलफिल्ड-मेमोरीज ऑफ द इंजीनियरिंग चैलेंजेज' और सरमाउंटिंग चैलेंजेज-एन इनक्रेडिबल टेल ऑफ टाइम'। इन दोनों फिल्मों को 2012 और 2022 संस्करण में आईएफएफआई के भारतीय पैनोरमा में भी प्रदर्शित किया गया था।

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हिन्दुस्थान समाचार / माधवी त्रिपाठी

   

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