दरभंगा राज परिवार के साहित्यिक अवदान आज भी प्रासंगिक: नन्द किशोर यादव

मधुबनी, 20 अक्टूबर (हि.स.)। तीन दिवसीय चन्द्रगुप्त साहित्य महोत्सव में गणमान्य लब्धप्रतिष्ठ विद्वानों सहित जनप्रतिनिधियों की खासे भागीदारी रहा।अवसर पर बिहार विधान सभाध्यक्ष नन्द किशोर यादव का इस मंच से सारगर्भित साहित्यिक सम्भाषण हुई। मंच शिरकत के पश्चात विधान सभाध्यक्ष नन्द किशोर यादव का रामबाग पैलेस में कुमार कपिलेश्वर सिंह द्वारा भव्य स्वागत किया गया।महाराज दरभंगा के मिथिला के प्रतीक चिह्न माछ' है।

राजकुमार कपिलेश्वर सिंह ने विधान सभाध्यक्ष नन्द किशोर यादव को मिथिला के प्रतीक चिह्न चांदी का मछली के साथ सम्मान किया।विधान सभाध्यक्ष नन्द किशोर यादव ने कहा कि मिथिलांचल परिक्षेत्र सहित बिहार व अन्य प्रांतो में दरभंगा राज परिवार के समग्र अवदान आज भी प्रासंगिक है। कहा कि राज दरभंगा के कुमार कपिलेश्वर सिंह के संयोजन में आयोजित ऐतिहासिक साहित्यक कार्यक्रम प्रशंसनीय है। विधान सभाध्यक्ष नन्द किशोर यादव ने चन्द्रगुप्त साहित्य महोत्सव की भूरि- भूरि प्रशंसा किया।कहा कि दरभंगा राज परिवार के साहित्यिक सांस्कृतिक शैक्षणिक अवदान को भूलाया नही जा सकता।दरभंगा में एक ही परिसर में दो संस्कृत व मिथिला विश्वविद्यालय की स्थापना को राज परिवार का विरासत बताया।

बनारस हिन्दु विश्वविद्यालय की स्थापना में राज दरभंगा परिवार की महती भूमिका की चर्चा किया।दरभंगा राज के कुमार कपिलेश्वर सिंह की संयोजन में निरंतर इस साहित्यिक मंच से विभिन्न समसामयिक बिषयक सन्दर्भित व्यापक वर्णनात्मक सम्भाषण प्रस्तुत की गई।अवसर पर राष्ट्रवादी चिंतक राधा कृष्ण पिल्लई का रामबाग पैलेस में कुमार कपिलेश्वर सिंह ने भव्य स्वागत किया।

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हिन्दुस्थान समाचार / लम्बोदर झा

   

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