दार्जिलिंग जिले में बांग्लादेशी मेहमानों के लिए होटल बंद, होटल मालिकों का बड़ा फैसला

कोलकाता, 10 दिसंबर (हि.स.)। त्रिपुरा के बाद पश्चिम बंगाल में भी बांग्लादेशी नागरिकों को किसी भी होटल में जगह नहीं मिलेगी। सूबे के दार्जिलिंग जिले के होटलों ने बांग्लादेशी मेहमानों को ठहरने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। यह फैसला ग्रेटर सिलीगुड़ी होटेलियर वेलफेयर एसोसिएशन ने सर्वसम्मति से लिया है। यह फैसला तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है।

एसोसिएशन के एक बयान में कहा गया है कि वर्तमान संवेदनशील माहौल को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। बयान के अनुसार, जब तक स्थिति सुरक्षित और सम्मानजनक नहीं हो जाती, तब तक बांग्लादेशी नागरिकों को सदस्य होटलों में चेक-इन की अनुमति नहीं दी जाएगी। बयान में यह भी उल्लेख किया गया है कि प्रशासन द्वारा इस मामले पर कोई निर्देश आने पर एसोसिएशन उसका पूरी तरह पालन करेगी।

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राष्ट्रीय सम्मान की रक्षा के लिए कदम

एसोसिएशन के सचिव उज्ज्वल घोष ने कहा कि इस फैसले से पर्यटन सीजन में नुकसान हो सकता है, लेकिन राष्ट्रीय गौरव पहले आता है। उन्होंने कहा कि हम अपने राष्ट्रीय तिरंगे का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकते। बांग्लादेश से भारत के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां की जा रही हैं।

पूर्वी हिमालयन ट्रैवल एंड टूर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ने भी इस फैसले का समर्थन किया है। संगठन के एक पदाधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय सम्मान सबसे पहले आता है। हम इसके लिए कुछ नुकसान सहने को तैयार हैं।

यह दार्जिलिंग के होटल मालिकों का ऐसा पहला कदम नहीं है। इससे पहले मालदा जिले के होटल मालिकों ने भी बांग्लादेशी नागरिकों को अपने होटलों में ठहरने से रोकने का फैसला लिया था।

दार्जिलिंग और मालदा के होटल मालिकों के इस फैसले ने राष्ट्रीय सम्मान के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया है। हालांकि, इस फैसले का क्षेत्रीय पर्यटन पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह देखना बाकी है।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

   

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