ड्यूटी समय में एसडीएम को निजी कार्यक्रमों में शिरकत करने पर रोक, डीसी के निर्देश

शिमला, 18 नवंबर (हि.स.)। जिला स्तरीय राजस्व मामलों की समीक्षा बैठक उपायुक्त अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में मंगलवार को शिमला में आयोजित की गई। बैठक में विभिन्न राजस्व मामलों, लंबित प्रकरणों, स्कूलों में बढ़ रही अनुशासनहीनता तथा प्रशासनिक कार्यप्रणाली में सुधार सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई। उपायुक्त ने सभी एसडीएम को स्पष्ट निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में एफआरए कमेटियों की स्थिति की जानकारी लें और कमेटियों द्वारा भेजे गए प्रस्तावों की नियमित रूप से समीक्षा सुनिश्चित करें। जहां कमेटियां गठित नहीं हैं, वहां जल्द कमेटियां बनाई जाएं। उन्होंने कहा कि एफआरए से जुड़ी किसी भी शंका को अगले दो दिनों के भीतर उपायुक्त कार्यालय के ध्यान में लाया जाए।

उपायुक्त ने स्कूलों और कॉलेजों में स्टाफ के व्यवहार पर कड़ी नजर रखने के निर्देश देते हुए कहा कि बच्चों के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट की घटनाएं बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। उन्होंने सभी एसडीएम से कहा कि हर स्कूल में पोश कमेटी का गठन अनिवार्य रूप से करवाया जाए, क्योंकि हाल के समय में स्कूलों के अंदर घटी कुछ घटनाएं बेहद चिंताजनक रही हैं। इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए प्रशासन को सख्ती से कार्रवाई करनी होगी।

बैठक में उपायुक्त अनुपम कश्यप ने यह भी साफ किया कि कोई भी एसडीएम ड्यूटी समय में निजी कार्यक्रमों में शामिल नहीं होगा। यदि किसी विशेष परिस्थिति में शामिल होना जरूरी हो, तो पहले उपायुक्त से अनुमति लेनी होगी। उन्होंने कहा कि दूर-दराज से लोग अपने काम करवाने एसडीएम कार्यालय आते हैं, ऐसे में अधिकारी का कार्यालय में उपस्थित न होना जनता के लिए बड़ी परेशानी बन जाता है। इसके साथ ही सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वे गोद लिए गए स्कूलों की विजिट रिपोर्ट जल्द भेजें और सुबह 10 बजे से पहले कार्यालय में उपस्थित रहना सुनिश्चित करें।

राजस्व मामलों की समीक्षा के दौरान बताया गया कि जिले में जमाबंदी के कुल 1135 मामले दर्ज हैं, जिनमें से 715 का कार्य पूरा हो चुका है, जबकि 420 मामले लंबित हैं। राजस्व अपीलों के मामले में रामपुर उपमंडल को छोड़कर बाकी सभी उपमंडलों में कार्य में तेजी देखने को मिली है। शिमला शहरी में पिछले दो वर्षों से 20 और ग्रामीण क्षेत्र में 33 मामले लंबित हैं। वहीं पीपी और रेंट रिकवरी एक्ट के तहत शिमला शहरी में 31, ग्रामीण में 4 और रोहड़ू में 11 मामले दो सालों से लंबित हैं। निशानदेही के मामलों में भी कई प्रकरण लंबे समय से लंबित पाए गए, जिनमें शिमला ग्रामीण तहसील में 72 और नायब तहसीलदार क्षेत्र में 10 मामले दो साल से अधिक समय से अटके हुए हैं।

उपायुक्त ने अवैध खनन पर सख्त कार्रवाई के निर्देश जारी करते हुए कहा कि एसडीएम नियमित औचक निरीक्षण करें और अपने क्षेत्र में चल रहे क्रेशरों की समय-समय पर जांच करें। अवैध खनन किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि ब्लास्टिंग में इस्तेमाल होने वाले केमिकल की जांच भी नियमित तौर पर की जाए और किसी भी ब्लास्टिंग से पहले प्रशासन से अनुमति लेना अनिवार्य है।

उपायुक्त अनुपम कश्यप ने बताया कि प्रदेश में चल रहे चिट्टा विरोधी अभियान के तहत अगले पांच दिनों में हर उपमंडल में एक रैली आयोजित की जाएगी। यह रैली 30 से 45 मिनट की होगी और इसमें स्थानीय हितधारकों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा

   

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