तुर्किये में चार दशक से जारी कुर्द संघर्ष के समाप्त होने के आसार
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- May 12, 2025

अंकारा, 12 मई (हि.स.)। तुर्किये की एक जेल में बंद कुर्द नेता अब्दुल्ला ओकलान के सशस्त्र समूह कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी ने लगभग चार दशक से जारी संघर्ष को समाप्त करने की घोषणा की है। सशस्त्र समूह के करीबी मीडिया आउटलेट फिरात न्यूज एजेंसी ने कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी के इस कदम की सूचना सोमवार को दी।
अल जजीरा न्यूज चैनल की खबर के अनुसार, देश में जारी हिंसा को समाप्त करने का आह्वान जेल में बंद नेता अब्दुल्ला ओकलान ने फरवरी में किया था। इस आह्वान पर कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी ने लंबा मंथन किया। पिछले शुक्रवार को उत्तरी इराक में समाप्त हुई पार्टी कांग्रेस के बाद समूह ने ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं। कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी ने कहा कि इन्हें जल्द ही जनता के साथ साझा किया जाएगा। फिरात न्यूज एजेंसी के कांग्रेस के दौरान ओकलान का बयान पढ़ा गया।
हिंसा का रास्ता छोड़ने की घोषणा में कहा गया कि सशस्त्र संघर्ष ने कुर्द अधिकारों को दबाने की कोशिश करने वाली नीतियों को सफलतापूर्वक चुनौती दी है। कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी ने अपना ऐतिहासिक मिशन पूरा कर लिया है। पार्टी की 12वीं कांग्रेस ने संगठनात्मक ढांचे को भंग करने और सशस्त्र संघर्ष की अपनी नीति को समाप्त करने का फैसला किया है।
तुर्किये की सरकारी समाचार एजेंसी अनादोलु के अनुसार, सत्तारूढ़ एके पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि यदि कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी के इस निर्णय को पूरी तरह से लागू किया जाता है तो यह एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक मोड़ होगा। इससे क्षेत्रीय परिदृश्य में बदलाव आएगा। इससे उत्तरी इराक और सीरिया को भी राहत मिलेगी। ओकलान 1999 से जेल में बंद है। 1980 के दशक से जारी हिंसा में अब तक हजारों लोगों की जान जा चुकी है। उल्लेखनीय है कि पार्टी को तुर्किये और अधिकांश पश्चिमी देशों ने आतंकवादी संगठन के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी ने युद्ध विराम की घोषणा में शांति वार्ता के लिए कानूनी तंत्र की स्थापना सहित विघटन के लिए शर्तें रखी हैं। समूह ने कहा कि कुर्द लोग शांति और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को अपनाएंगे। कुर्द राजनीतिक दल और लोकतांत्रिक संगठन लोकतांत्रिक राष्ट्र के गठन को सुनिश्चित करने के लिए आगे आएंगे।
कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी की यह घोषणा क्षेत्र में बड़े बदलाव की पृष्ठभूमि में हुई है, जिसमें सीरिया में नया प्रशासन, लेबनान में हिजबुल्लाह सशस्त्र समूह का कमजोर पड़ना और गाजा में इजराइल-हमास युद्ध शामिल हैं। हाल के वर्षों में पीकेके तुर्किये के अंदर छिटपुट हमलों तक सीमित रहा है, क्योंकि उसने अपने लड़ाकों को पहाड़ी सीमा पार करके इराक में भेज दिया है। यह भी महत्वपूर्ण है कि शांति की यह पहल अक्टूबर में तुर्किये के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन के गठबंधन सहयोगी देवलेट बहसेली ने शुरू की थी। बहसेली ने कहा था कि अगर कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी हिंसा का रास्ता छोड़ती है तो ओकलान को पैरोल दी जा सकती है।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुकुंद