हिसार : आईएमपीसी के महासंगम यात्रा में दीप सिसाय निभाएंगे मुख्य भूमिका

प्रयागराज से शुरू होगी महासंगम यात्रा : पर्वतारोही रीना भट्टी

बारह ज्योतिर्लिंग और चार धाम जाएगी महासंगम यात्रा : रीना भट्टी

हिसार, 22 जनवरी (हि.स.)। माउंट एवरेस्ट और ल्होत्से जैसी विशाल एवं दुर्गम

चोटियों को फतह कर विश्व विख्यात बनी पर्वतारोही हिमपुत्री रीना भट्टी अब महासंगम यात्रा

में भी भूमिका में नजर आएगी। आपको बता दें कि इंटरनेशनल मंदिर प्रबंधक काउंसिल द्वारा

आयोजित 25 जनवरी से प्रयागराज से महासंगम यात्रा शुरू होगी जिसमें हरियाणा के जिला

हिसार के बालक गांव की बेटी पर्वतारोही रीना भट्टी भी रहेगी।

यह महासंगम यात्रा बारह ज्योतिर्लिंग एवं चार धाम होते हुए दिल्ली में इसका

समापन होगा। आपको बता दें कि महासंगम यात्रा काशी विश्वनाथ के दर्शन कर बैद्यनाथ होते

हुए ज्योतिर्लिंग की ओर प्रस्थान करेगी। 30 दिनों तक चलने वाली यह यात्रा बारह ज्योतिर्लिंग

और चार धाम को पूर्ण करते हुए दिल्ली में समाप्त होगी। समापन के अवसर पर शिव परिवार

का दैनिक भाव अभिषेक होगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार ऐसी महासंगम यात्रा देश में पहली

बार हो रही है

महासंगम यात्रा में पावन पवित्र 108 शिव त्रिशूल होंगे साथ : दीप सिसाय

इंटरनेशनल मंदिर प्रबंधक काउंसिल द्वारा आयोजित महासंगम यात्रा के दौरान पावन

पवित्र 108 शिव त्रिशूल साथ में होंगे, जिन्हें बारह ज्योतिर्लिंग और चार धाम की यात्रा

में साथ रखा जाएगा। इंटरनेशनल मंदिर प्रबंधक काउंसलिंग के महासचिव एवं कोऑर्डिनेटर

महासंगम यात्रा दीप सिहाग सिसाय ने बताया कि यह ऐसा पहला अवसर है जिसमें प्रयाग राज

महाकुंभ से महासंगम यात्रा आयोजित हो रही है और बारह ज्योतिर्लिंग तथा चार धाम की यात्रा

पूर्ण के बाद दिल्ली में इस यात्रा का समापन होगा। उन्होंने बताया कि इंटरनेशनल मंदिर

प्रबंधक काउंसलिंग के नेशनल कोऑर्डिनेटर एवं उत्तर प्रदेश सरकार में उद्योग मंत्री

नंद गोपाल गुप्ता और आईएमपीसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, तथा हरियाणा सरकार में शिक्षा

मंत्री महिपाल ढांडा और नेशनल एग्जीक्यूटिव चेयरमैन आईएमपीसी राजेश यादव, डॉ. नवीन

नैन भालसी राष्ट्रीय महामंत्री, अन्तर्राष्ट्रीय मंदिर प्रबंधक परिषद के सहयोग एवं

मार्गदर्शन में इस 30 दिवसीय यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। दीप सिहाग ने बताया कि

अन्तरराष्ट्रीय मंदिर प्रबंधक परिषद द्वारा महासंगम यात्रा का मुख्य उद्देश्य संसार

में फैली कुरीतियों व अज्ञानता को दूर करके धार्मिक भक्ति भावना से जोडऩा व आने वाली

पीढ़ी को अपने धर्म व संस्कृति से अवगत कराना है।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर

   

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