बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए देवभूमि से उठी हुंकार

- दो घंटे तक बाजार बंद रख व्यापारियों ने जताया आक्रोश

देहरादून, 10 दिसंबर (हि.स.)। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर मंगलवार को देहरादून की सड़कों पर एक ऐतिहासिक रैली का आयोजन किया गया, जिसमें बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ एकजुट होकर मानवाधिकारों की हक की आवाज उठाई गई। यह रैली केवल देहरादून तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसने अपनी आवाज को पूरी दुनिया तक पहुंचाने का संकल्प लिया। सुबह दो घंटे तक बाजार बंद रख व्यापारियों ने भी अपना आक्रोश जताया और कहा कि इस संघर्ष की आवाज अब दुनिया भर में गूंजेगी।

रैली का मुख्य उद्देश्य बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय, विशेष रूप से हिंदू, महिलाओं और बच्चों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जागरूकता फैलाना था। रैली में कैबिनेट मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि यह आक्रोश रैली स्थानीय विरोध नहीं, बल्कि एक वैश्विक संदेश है। मानवाधिकारों का उल्लंघन कहीं भी, कभी भी स्वीकार नहीं किया जाएगा। रैली के माध्यम से यह आवाज उठाई गई कि भारत अपने पड़ोसी बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों के खिलाफ मजबूती से खड़ा है और इस संघर्ष को अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहुंचाना होगा।

रैली में शामिल सामाजिक कार्यकर्ताओं और नेताओं ने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही नफरत, हिंसा और झूठे मुकदमों का विरोध करना हमारी जिम्मेदारी है और हम इसे एक आवाज में उठाएंगे।

रैली के आयोजकों ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार को तुरंत रोके जाने की मांग की। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय और संयुक्त राष्ट्र से इस गंभीर मुद्दे पर हस्तक्षेप की भी अपील की। दून उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष विपिन नागलिया ने कहा कि हमारी आवाज बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों के खिलाफ उठेगी। यह आवाज तब तक नहीं रुकेगी जब तक अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा नहीं हो जाती।

यह रैली देहरादून के घंटाघर से शुरू होकर प्रमुख सड़कों से होते हुए एक विशाल जनसभा में तब्दील हुई। रैली के आयोजकों ने यह कहा कि यह आवाज दुनिया भर में गूंजेगी और हर देश में जहां मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है, वहां तक पहुंचेगी। आयोजकों ने भारत सरकार और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों से अपील की कि वे बांग्लादेश सरकार के खिलाफ ठोस कदम उठाएं और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करें।

रैली में देहरादून के नागरिकों, सामाजिक संगठनों, व्यापारिक समुदाय, धार्मिक संस्थाओं और बुद्धिजीवियों ने हिस्सा लिया।

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हिन्दुस्थान समाचार / कमलेश्वर शरण

   

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