दिल्ली में धूल प्रदूषण फैलाने वालों पर होगी सख्त कार्रवाईः गोपाल राय

नई दिल्ली, 13 अक्टूबर (हि.स.)। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़े साझा करते हुए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने रविवार को कहा कि दिल्ली में पिछले दो साल से लगातार जनवरी से अक्टूबर तक 200 से ज्यादा अच्छे दिन रहे हैं जबकि वर्ष 2016 में मात्र 109 दिन ही अच्छे रहे थे। आमतौर पर दशहरा के अगले दिन दिल्ली का एक्यूआई खराब कैटेगरी में होता है लेकिन इस बार बारिश नहीं होने के बावजूद हवा स्वच्छ रही है। उन्होंने कहा कि सोमवार से धूल प्रदूषण पैदा करने वालों को किसी भी तरह की ढील नहीं दी जाएगी। अगर कोई धूल प्रदूषण फैलाता हुआ पाया गया तो एंटी डस्ट कैंपेन के तहत उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

गोपाल राय ने अपने आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पूरे उत्तर भारत और खास तौर से दिल्ली में सर्दियों का मौसम प्रदूषण लेकर आता है लेकिन आज हम लोग दशहरा के अगले दिन दिल्ली की साफ हवा के बीच सांस ले रहे हैं। आमतौर पर दशहरा के अगले दिन दिल्ली में हवा की गुणवत्ता खराब स्थिति में पहुंच जाती है। दिल्ली में पिछले 10 दिनों से बारिश नहीं हुई है। इसके बावजूद एयर क्वालिटी इंडेक्स खराब स्थिति से बाहर है। यह दिल्ली के अंदर लगातार दूसरा साल है। पिछले साल भी जनवरी से 12 अक्टूबर तक 200 दिन ऐसे थे, जिनकी गिनती अच्छे दिनों में थी।

उन्होंने कहा कि 2016 के बाद केवल लॉकडाउन के दौरान 2020 में दिल्ली ने 200 अच्छे दिनों के आंकड़े को पार किया था। बिना लॉकडाउन के दिल्ली के अंदर लगातार दूसरे साल 365 में से 200 अच्छे दिनों को प्राप्त करना दिल्लीवालों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। वर्ष 2016 में इनकी संख्या केवल 109 थी। अगले महीने अगर हम सब मिलकर प्रयास करेंगे तो अच्छे दिनों की संख्या बढ़ सकती है। ये आंकड़े केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जारी किए हैं। भाजपा के नेता हर बार झूठ बोलते हैं कि दिल्ली में प्रदूषण बढ़ रहा है। वे उनसे निवेदन करते हैं कि वह एक बार अपने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री या सीपीसीबी से बात कर कंफर्म कर लें कि सीपीसीबी के आंकड़े सही हैं या नहीं।

राय ने कहा कि इन दिनों में हवा रुक जाती है और बारिश भी नहीं होती है। ऐसे में तापमान कम होने पर प्रदूषण के कण जमीन की सतह के करीब रहते और प्रदूषण बढ़ जाता है। अगर हमें साल में 365 दिनों में से 200 दिन अच्छे मिल रहे हैं तो उसमें बारिश की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। इस बार हमने देखा कि पूरे जुलाई, अगस्त और सितंबर माह में लगातार एक्यूआई 50, 60, 70 या 80 के नीचे रहा। इसमें बारिश के फैक्टर ने काम किया। इसलिए हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि दीपावली के बाद पराली का धुंआ भी प्रदूष बढ़ाएगा, दीपावली का धुआं भी होगा और तापमान भी कम हो जाता है। ऐसे आपात हालात में प्रदूषण को कम करने के लिए कृत्रिम वर्षा एक कारगर उपाय हो सकती है। राय ने कहा कि उन्होंने 30 अगस्त को सबसे पहले केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को चिट्ठी लिखी थी कि एनसीआर के राज्यों की एक संयुक्त बैठक बुलाई जाए। बैठक में आईआईटी कानपुर समेत अन्य एक्सपर्ट्स, संबंधित विभागों को भी बुलाया जाए लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है और भाजपा भी चुप है। इसके बाद उन्होंने 10 अक्टूबर को दोबारा केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को चिट्ठी लिखी है। उसका भी जवाब नहीं आया है।

पर्यावरण मंत्री राय ने कहा कि सोमवार से दिल्ली के अंदर धूल प्रदूषण पैदा करने वालों पर किसी भी तरह की ढील नहीं बरती जाएगी। अगर कोई भी धूल प्रदूषण फैलाता हुआ पाया जाएगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सात अक्टूबर से दिल्ली सरकार द्वारा एंटी डस्ट कैंपेन शुरू किया गया है। इसके तहत उन्होंने खुद कई निर्माण साइटों का निरीक्षण किया और वहां नियमों का उल्लघंन होता पाया। इसके बाद उन्होंने दिल्ली में अलग-अलग जगहों पर काम कर रहीं 120 निर्माण एजेंसियों के साथ दिल्ली सचिवालय में बैठक कर उन्हें नियमों की विस्तृत जानकारी दी है। उनका सभी से निवेदन है कि वायु प्रदूषण के खिलाफ इस लड़ाई में सभी लोग सरकार का सहयोग करें।

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हिन्दुस्थान समाचार / कुमार अश्वनी

   

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