छत्तीसगढ़ में मछुआरों को आदिवासी का दर्जा पुन: बहाल करने की मांग

धमतरी, 21 नवंबर (हि.स.)। धीवर समाज द्वारा आज गुरुवार को विश्व मत्स्य दिवस पर मछुआरों का सम्मान कार्यक्रम रामबाग स्थित मत्स्य सोसाइटी भवन में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में धीवर समाज के प्रदेश महासंरक्षक परमेश्वर फूटान शामिल हुए।कार्यक्रम की अध्यक्षता धीवर समाज धमतरी के अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद जगबेड़हा ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में होरीलाल मत्स्यपाल, राजकुमार फुटान, सोनूराम नाग उपस्थित थे।

इस कार्यक्रम में मछुआरों ने पुश्तैनी व्यवसाय मछली पालन में आ रही समस्याओं को लेकर चर्चा किया और साय सरकार से वर्ष 1950 के पहले से मिल रही आदिवासी आरक्षण का दर्जा वापस देने की मांग करते हुए सड़क की लड़ाई लड़ने एकजुट होने का आह्वान किया। इस अवसर पर समाज में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित किया गया। जिसमें मीडिया प्रतिनिधि शैलेन्द्र नाग, मन्नूलाल कोसरिया, करियाराम ढीमर, अरूण बाई, शंकरलाल, पुन्नी बाई सहित अन्य लोगों का सम्मान किया गया। परमेश्वर फूटान ने कहा कि 21 नवंबर को विश्व मत्स्य दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य मत्स्य पालन, मछुआरों तथा मछली किसानों तथा पशुपालन के हितधारकों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए मनाया जाता है लेकिन आज भी धमतरी सहित छत्तीसगढ़ में मछुआरों को आदिवासी का दर्जा पुन: बहाल करने की मांग को लेकर संघर्षरत है।

आरक्षण के लिए 30 लाख मछुआरा एक मंच में आकर करेंगे संघर्ष : धीवर समाज के अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद जगबेड़हा ने कहा कि धमतरी में मछुआरों की आबादी लगभग 10 हजार तथा पूरे प्रदेशभर में लगभग 30 लाख है। मछुआरे अपनी पुश्तैनी व्यवसाय मछली पालन को बचाए रखने के लिए किसी भी स्तर पर जाकर संघर्ष के लिए तैयार है।तरिया-डबरी के लिए एकजुट हो समाज : धमतरी मत्स्य सोसाइटी के अध्यक्ष यशवंत कोसरिया ने कहा कि मछुआ नीति में संशोधन कर गैर समूह के बदले मछुआ समूह को ही तरिया-डबरी देने की मांग की। इसके लिए मछुआरा समाज को एक मंच में एकजुट होकर संघर्ष का भी आह्वान किया।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा

   

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