हिसार : शुरूआती दिनों में बच्चे काे पौष्टिक भोजन व पोषक तत्वों की जरूरत : डॉ. संगीता चहल

गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय में विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर एक विशेष

व्याख्यान का आयोजन

हिसार, 10 अप्रैल (हि.स.)। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय

के खाद्य प्रौद्योगिकी विभाग में विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर एक विशेष व्याख्यान

का आयोजन किया गया। इस विशेष व्याख्यान में स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र की प्रतिष्ठित

शिक्षाविद और विशेषज्ञ डॉ. संगीता चहल ने ‘स्वस्थ शुरूआत, उज्ज्वल भविष्य’ विषय पर अपने महत्वपूर्ण

विचार सांझा किए।

खाद्य प्रौद्योगिकी विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर आराधिता बी. रे ने गुरुवार काे आयाेजित कार्यक्रम

की अध्यक्षता की और अपने प्रेरणादायक विचारों से विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया।

कार्यक्रम की आयोजक विभाग की वरिष्ठ प्रोफेसर अल्का शर्मा थी। उनके साथ वरिष्ठ संकाय

सदस्य प्रोफेसर एमबी बेरा, प्रोफेसर मनीष कुमार और विभाग के अन्य शिक्षकगण भी उपस्थित

थे। कार्यक्रम का समन्वय इंजीनियर नेहा यादव ने किया।

अपने संबोधन में, डॉ. संगीता चहल ने विशेष रूप से एक बच्चे के जीवन के शुरुआती

1000 दिनों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि यह अवधि बच्चे के स्वस्थ विकास

के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। डॉ. चहल ने कहा कि शुरूआती 1000 दिनों में उचित

और पौष्टिक भोजन के साथ-साथ आवश्यक पोषक तत्वों का सेवन बच्चे के शारीरिक और मानसिक

विकास की नींव रखता है। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि इस महत्वपूर्ण अवधि में

पोषण संबंधी कमियां बच्चे के भविष्य के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं।

डॉ. चहल के ज्ञानवर्धक व्याख्यान ने विद्यार्थियों को स्वस्थ जीवनशैली और विशेषकर

बचपन के पोषण के महत्व के बारे में गहराई से जानकारी प्रदान की। संकाय सदस्यों और विद्यार्थियों

ने इस अवसर पर सक्रिय रूप से बातचीत की। यह कार्यक्रम विभिन्न विभागों के विद्यार्थियों के लिए स्वास्थ्य और कल्याण

के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उन्हें भविष्य के लिए स्वस्थ आदतों को अपनाने के लिए प्रेरित

करने में महत्वपूर्ण रहा। कार्यक्रम में बीएससी, बीटेक, बीवोक, एमएससी और एमटेक खाद्य

प्रौद्योगिकी के सभी विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर

   

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