कोर्ट से अंतरिम जमानत के बावजूद आरोपी को गिरफ्तार करना थानाध्यक्ष को पड़ गया भारी

जौनपुर, 26 सितम्बर (हि.स.)। जिला जज वाणी रंजन अग्रवाल ने बरसठी थाना क्षेत्र के धोखाधड़ी के मामले में दी गई अंतरिम जमानत की अवधि के दौरान आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजना थानाध्यक्ष को भारी पड़ गया। आरोपी ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की। जिस पर हाईकोर्ट ने गुरुवार को तत्कालीन थानाध्यक्ष बरसठी गोविंद देव मिश्रा (वर्तमान में सीबीसीआईडी इंस्पेक्टर) को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है कि क्यों न उनके खिलाफ विधिक अवमानना की कार्रवाई अमल में लाई जाए। अगली सुनवाई 6 दिसम्बर को होगी।

बता दें कि, 9 मई 2023 को बरसठी थाने में धोखाधड़ी जालसाजी की प्राथमिकी अनिल कुमार व उनके पिता श्याम नारायण निवासी कान्हपुर बरसठी के खिलाफ राकेश मिश्रा द्वारा दर्ज कराई गई। अनिल कुमार मिश्रा के अंतरिम जमानत प्रार्थना पत्र पर जिला जज ने 25 मई 2023 को अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। नियमित जमानत की सुनवाई के लिए कोर्ट ने 9 जून 2023 तिथि नियत किया था। इसी बीच 7 जून 2023 को बिना कोर्ट की अनुमति के अंतरिम जमानत के बावजूद आवेदक अनिल मिश्रा को दुर्भावनापूर्ण तरीके से पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। आरोपी कई महीने तक जेल रहा।

हाईकोर्ट से आदेश के बाद वह फरवरी 2024 में जेल से छूटा। उसके बाद उसने जिला जज, डीजीपी, को थानाध्यक्ष गोविंद देव मिश्र के खिलाफ प्रार्थना पत्र दिया। कोई सुनवाई न होने पर उसने उच्च न्यायालय में अवमानना याचिका दाखिल किया। जिस पर हाईकोर्ट ने तत्कालीन थानाध्यक्ष को अवमानना नोटिस जारी किया है।

हिन्दुस्थान समाचार / विश्व प्रकाश श्रीवास्तव

   

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