टी-टूरिज्म के रूप में विकसित किया जाए चाय बागान : दीपक रावत

चाय बागान का निरीक्षण करते हुए मंडल आयुक्त

चम्पावत, 30 सितंबर (हि.स.)। मंडलायुक्त व सचिव मुख्यमंत्री दीपक रावत ने सोमवार को जनपद मुख्यालय के टी-गार्डन के साथ ही शिलिंगटाक, फूंगर, झालीमाली गांवों का निरीक्षण किया। आयुक्त ने टी-बोर्ड प्रबंधन तथा पूर्व टी-बोर्ड प्रबंधक डेसमंड तथा जिला पर्यटन अधिकारी से जानकारी हासिल की। इस दौरान उन्होंने जैविक चाय की प्रोसेसिंग संबंधी संपूर्ण जानकारी ली। उन्हाेंने कहा कि चाय बागानों में अनेक पर्यटक घूमने आते हैं। अन्य प्रदेशों की तरह यहां के चाय बागानों में भी अधिक पर्यटक आएं, इसके लिए इन बागानों को टी-पर्यटन के रूप में और अधिक विकसित किया जाए।

मंडलायुक्त दीपक रावत ने चाय की गुणवत्ता को बनाए रखने के साथ ही आकर्षक पैकिंग व पर्यटन क्षेत्र में उभर रहे चाय बागान परिसर में आने वाले पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए बागान परिसर में आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चम्पावत में चाय उत्पादन को बढ़ावा देने के साथ ही इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की आदर्श जनपद चम्पावत की परिकल्पना साकार होगी। साथ ही आयुक्त कुमाऊं ने कहा कि टी-गार्डन में तीन कॉटेज और एक कैफे पूर्व से ही संचालित है। काफी पर्यटकों ने यहां रुकने को लेकर रुचि जताई है। इसके लिए एक प्रोजेक्ट जनपद से बन रहा है, जिसकी स्वीकृति शीघ्र ही मिल जाएगी। जिसके तहत अतिरिक्त कॉटेज बनाए जाएंगे।

उन्हाेंने बताया कि चाय बागान में व्यू प्वाइंट यहां पहले से ही निर्मित है। इसके अलावा कुछ हिस्सों में चाय बागान को और अधिक विस्तारित किया जाएगा। बच्चों की गतिविधियों हेतु इसमें इको पार्क बनाया जाएगा। इसके अतिरिक्त जनपद की स्थानीय आकर्षण वाले स्थानों को कोलीढेक झील, पूर्णागिरि, राजबुंगा किला को पर्यटन के क्षेत्र में और अधिक विकसित किया जाएगा। इन सभी पर्यटन स्थलों को जोड़ते हुए एक शानदार परियोजना तैयार की जाएगी, जिसमें टी-गार्डन पहले स्वीकृत हो जाएगा। बाहर से आने वाले पर्यटक इसका आनंद ले सकेंगे। इसके अतिरिक्त यहां रोजगार की भी असीम संभावनाएं बढ़ेंगीं और लोगों को आर्थिक की प्राप्त होगी।

चाय विकास बोर्ड प्रबंधन राकेश कुमार ने आयुक्त को विस्तार पूर्वक विभिन्न जानकारी दी। उन्हाेंने कहा कि चम्पावत में चाय बागानों में विभिन्न विकास कार्य किये जा रहे हैं। चाय का क्षेत्रफल को बढ़ाए जाने को जिले के विभिन्न क्षेत्रों में चाय के बागान विकसित करने का कार्य किया जा रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार / राजीव मुरारी

   

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