भारतीय डाक विभाग : ‘एक पत्र अपने रोल मॉडल के नाम’ पर 'ढाई आखर' पत्र-लेखन प्रतियोगिता का आयोजन
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- Oct 16, 2025
- पत्र लेखन प्रतियोगिता के विजेताओं को 5 हजार से 50 हजार रूपये तक का पुरस्कार
प्रयागराज, 16 अक्टूबर (हि.स)। भारतीय डाक विभाग की ओर से लोगों में पत्र लेखन के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पत्र लेखन प्रतियोगिता 'ढाई आखर' का आयोजन किया जा रहा है। यह पहल न केवल लेखन कौशल को निखारने का अवसर प्रदान करती है, बल्कि लोगों को अपनी संवेदनाओं को सशक्त शब्दों में व्यक्त करने का भी मंच देती है।
पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने गुरुवार को बताया कि इस प्रतियोगिता में ‘एक पत्र अपने रोल मॉडल के नाम’ विषय पर प्रतिभागियों को अपने विचारों को व्यक्त करते हुए एक पत्र लिखना होगा, जिसे संबंधित राज्य या परिमंडल के चीफ पोस्टमास्टर जनरल को सम्बोधित करना है। इस प्रतियोगिता में पत्र चुने जाने पर पांच हजार से 50 हजार रुपये तक का पुरस्कार भी मिलेगा। इसके लिए विभिन्न स्कूल-कॉलेज डाक विभाग के साथ मिलकर अपने यहां आयोजन कर सकते हैं। इसकी अंतिम तिथि 8 दिसम्बर है।
पोस्टमास्टर जनरल ने कहा कि इस 'ढाई आखर' पत्र लेखन प्रतियोगिता में किसी भी उम्र के लोग भाग ले सकते हैं। पहला वर्ग 18 वर्ष तक तथा दूसरा 18 से अधिक आयु वर्ग का होगा। पत्र डाक विभाग की ओर से जारी अंतर्देशीय पत्र अथवा लिफाफे में ही स्वीकार्य होगा, जिसमें क्रमशः 500 और 1,000 शब्दों में अंग्रेजी, हिन्दी अथवा स्थानीय भाषा में हाथ से पत्र लिखा जा सकता है। पत्र में अपना पूरा नाम, पता, जन्मतिथि, मोबाइल नंबर और विद्यालय के नाम सहित संबंधित परिमंडल के चीफ पोस्टमास्टर जनरल के पते पर 8 दिसम्बर तक भेजना होगा।
उन्होंने बताया कि प्रतियोगिता के विजेताओं को राज्य और राष्ट्रीय स्तरों पर विभिन्न 4 श्रेणियों में तीन-तीन पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। इनमें परिमंडलीय (राज्य) स्तर पर चयनित श्रेष्ठ पत्रों को प्रथम, द्वितीय व तृतीय श्रेणी में क्रमश: 25 हजार, 10 हजार व 5 हजार रुपये का पुरस्कार दिया जायेगा। राष्ट्रीय स्तर पर चयनित श्रेष्ठ पत्रों को प्रथम, द्वितीय व तृतीय श्रेणी में क्रमश: 50 हजार, 25 हजार व 10 हजार रुपये का पुरस्कार दिया जायेगा। कुल मिलाकर पूरे देश में 40 लाख 20 हजार रुपये के पुरस्कार विजेताओं को दिए जायेंगे। इस संबंध में ज्यादा जानकारी के लिए विभिन्न मंडलों के अधीक्षक और प्रधान डाकघर के पोस्टमास्टर से सम्पर्क किया जा सकता है।
कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि वर्तमान डिजिटल युग में जहां संवाद के साधन तेज़ और तात्कालिक हो गए हैं, वहीं पत्र लेखन की कला आज भी अपनी आत्मीयता और संवेदनशीलता के कारण प्रासंगिक बनी हुई है। पत्र केवल शब्दों का आदान-प्रदान नहीं, बल्कि भावनाओं, स्मृतियों और मानवीय संबंधों की गहराई को व्यक्त करने का माध्यम है। 'ढाई आखर' एक राष्ट्रीय स्तर की पहल है, जिसका उद्देश्य युवाओं में रचनात्मकता, मौलिकता व आत्म-अभिव्यक्ति को प्रोत्साहित करके उन्हें डाक और फिलेटली से पुनः परिचित कराना है। यह जन सामान्य के लिए उनके लेखन कौशल और प्रतिभा को प्रदर्शित करने का एक मंच भी है। अंत में उन्होंने कहा कि ‘ढाई आखर’ अभियान शब्दों के माध्यम से दिलों को जोड़ने का एक प्रयास है। यह न केवल पत्र लेखन की कला का उत्सव है, बल्कि संवेदनाओं को सजीव करने और विचारों को साकार रूप देने का अवसर भी प्रदान करता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र



