धमतरी : जोन स्तरीय एमडीएम बैठक में शासकीय योजनाओं के बेहतर क्रियान्वय पर हुई चर्चा

बैठक को संबोधित करते हुए अधिकारी।

धमतरी, 27 नवंबर (हि.स.)। शिक्षा विभाग द्वारा जोन स्तर पर आयोजित मिड-डे मील (एमडीएम) एवं विभागीय एजेंडों की गुरूवार को महत्वपूर्ण बैठक जोन–कुकरेल में सफलतापूर्वक संपन्न हुई। बैठक में जिला एवं विकासखंड स्तर के अधिकारी, संकुल प्राचार्य, संकुल समन्वयक तथा प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानपाठक बड़ी संख्या में शामिल हुए। मुख्य उद्देश्य विद्यालयों में संचालित योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करना रहा। बैठक में अन्य अधिकारियों के साथ समन्वयक श्रवण कुमार देवांगन ने शासकीय योजनाओं को संचालित करने कहा

बैठक में विशेष रूप से एमडीएम योजना की गुणवत्ता, स्वच्छता, समयबद्धता और सुरक्षा पर विस्तृत चर्चा की गई। जिला शिक्षा अधिकारी के प्रभारी देवेश सूर्यवंशी और विकासखंड शिक्षा अधिकारी कलीराम साहू ने कहा कि एमडीएम योजना विद्यार्थियों के पोषण स्तर और उपस्थिति बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, अतः इसकी गुणवत्ता व निगरानी में लापरवाही स्वीकार्य नहीं होगी।

अधिकारियों ने कहा कि विद्यालय स्तर पर पारदर्शिता, नियमित निरीक्षण, अभिभावक संवाद और शिक्षकों की सक्रिय भागीदारी से शिक्षा की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार संभव है। बैठक में प्रधानपाठकों ने अपने सुझाव प्रस्तुत किए। कई विद्यालयों ने स्वच्छ ऊर्जा (गैस कनेक्शन), रसोई कक्ष सुधार एवं शिक्षण संसाधनों के विस्तार के लिए स्वेच्छा से पहल करने की घोषणा की।

कार्यक्रम में पदोन्नत प्रधानपाठकों का सम्मान किया गया। इसके तहत जोन क्षेत्र के पदोन्नत मिडिल स्कूल प्रधानपाठकों सम्मानित हुए। कांटाकुर्रीडीह की उमा देवांगन, दियादेही की रेखा गेडाम, कुकरेल की अर्चना ऊईके, दरगहन की चमेली साहू और भोथापारा की पुष्पा ध्रुव ने अपने-अपने विद्यालयों के लिए स्वयं गैस सिलेंडर दान करने का संकल्प लिया। जिला स्तरीय अधिकारियों ने इस सराहनीय पहल की प्रशंसा की। बैठक का संचालन कुकरेल के समन्वयक श्रवण कुमार देवांगन ने किया। कुकरेल जोन के संकुल प्राचार्य राजेश कुमार बैस, प्रेमलता ध्रुव, अर्चना साहू, वीरेंद्र श्रीवास तथा संकुल समन्वयक संतोष कुंजाम, दीनदयाल साहू, भागवत साहू, राजेंद्र ध्रुव सहित सभी विद्यालयों के प्रधानपाठक उपस्थित रहे।

बैठक में प्रमुख रूप से इन विषयों पर हुई चर्चा: परीक्षा परिणाम सुधार, विद्यालय युक्तिकरण, किचन गार्डन का विकास, सामुदायिक सहभागिता, डिजिटल प्लेटफार्म का उपयोग, शिक्षण-अधिगम में नवाचार, शैक्षणिक कैलेंडर का प्रभावी क्रियान्वयन पर चर्चा हुई।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा

   

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