आरएसएस की साप्ताहिक शाखा मे स्थापना एवं उपयोगिता विषय पर चर्चा आयोजित 

सहरसा, 27 अक्टूबर (हि.स.)।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तत्वावधान में रविवार को महावीर मंदिर में साप्ताहिक शाखा आयोजित हुई। मुख्य शिक्षक सुभाष चंद्र झा के संचालन में एकात्मकता स्त्रोत, सुर्य नमस्कार मंत्र एवं हनुमान चालीसा पाठ का आयोजन किया।

इस अवसर पर विभाग सेवा प्रमुख डा मुरारी कुमार के द्वारा नये स्वयंसेवकों का परिचयात्मक समारोह के पश्चात कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना डाक्टर केशवराव बलिराम हेडगेवार के द्वारा 1925 ई में विजयादश्मी के दिन नागपुर मे हुई।उस समय देश गुलाम था।जिसके कारण उस समय स्वतंत्रता प्राप्त करना एकमात्र उद्देश्य रहा वही संघ के स्वयसेवक आजादी की लड़ाई मे सक्रिय भागेदारी निभाई।लेकिन सत्ता प्राप्ति के लिए कांग्रेस ने इस देश का विभाजन कर दी।वही जब बंटबारा का भयंकर दुष्परिणामस्वरुप लाखों शरणार्थी अपने देश लौटे।उस शरणार्थियों के भोजन और आवासन की विकराल समस्या उत्पन्न हुई।तब संघ के स्वयंसेवकों ने सरसंघचालक गुरूजी के आह्वान पर शरणार्थियों को त्वरित भोजन व्यवस्था की।

उन्होंने कहा कि जब जब देश मे युद्ध के हालात उत्पन्न हुए तब तब संघ के स्वयंसेवकों ने अपनी जान की बाजी लगाकर सेना की मदद की।साथ ही पैसठ युद्ध के दौरान तात्कालीन प्रधानमंत्री स्व लाल बहादुर शास्त्री के आह्वान पर स्वयंसेवकों ने एक महीना तक लगातार दिल्ली की यातायात व्यवस्था को कुशलतापूर्वक संभाला।उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दुनिया का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन है जो विगत 99 वर्षो से बिना किसी सदस्यता शुल्क के सफलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है।

आरएसएस का उद्देश्य हिन्दुओं को संगठित कर राष्ट्र को परम वैभव के शिखर पर ले जाना है।उन्होंने बताया कि स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित करने हेतु दो दिवसीय प्राथमिक वर्ग का आयोजन कहरा कुटी एवं नवहट्टा प्रखंड में चलाया जा रहा है।इस मौके पर राजकुमार गुप्ता, अरविंद कुमार, सुभद्र मिश्र, जयभद्र मिश्र, प्रभाकर कुमार सहित अन्य मौजूद थें।

हिन्दुस्थान समाचार / अजय कुमार

   

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