जयपुर, 26 अक्टूबर (हि.स.)। गोबर को अभी तक सिर्फ खाद व उपलों के रूप में उपयोग में लाया जाता था, लेकिन अब विश्व में गाय के गोबर की उपयोगिता सिद्ध हो चुकी है। अब देशभर में गोबर से बनी पूजा सामग्री को भी उपयोग में ला रहे हैं। हम आपको बता दें कि पिछले आठ वर्षाें जयपुर के मथुरावाला गांव की महिलाएं गाय के गोबर से बने दीये बनाती आ रही।
चेतना ग्राम संस्थान की अध्यक्ष विभा अग्रवाल ने बताया की गुरु पंडित राम आचार्य के सौ सूत्रों में से हमने स्वावलंबन को चुना। जिसके परिणाम स्वरूप चेयना ग्राम संस्थान के जरिये यह दीपक बनाए जा रहे हैं। जो की इन मथुरा वाला गांव की महिलाओं की रोजी रोटी जरिया बनता जा रहा है और ये महिलाएं अपने परिवार का पालन इसी के जरिये करने की कोशिश करती है। कहते है कि दिवाली अन्धकार से प्रकाश की और जाने का प्रतीक है। गुरु पंडित राम आचार्य कहते थे कि दिवाली पर गोबर के दिए जलाने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा मिलती है।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश