जादवपुर मामले में डॉक्टरों के संयुक्त मंच ने किया छात्रों के आंदोलन का समर्थन

कोलकाता, 02 मार्च (हि.स.)। अभया मंच के बाद अब डॉक्टरों के संयुक्त मंच (जॉइंट प्लेटफॉर्म ऑफ़ डॉक्टर्स) ने भी जादवपुर विश्वविद्यालय में हुई घटना के मामले में छात्रों के आंदोलन का समर्थन किया है।

डॉक्टरों के संयुक्त मंच के संयुक्त संयोजक हीरालाल कोन्नार और पुण्यब्रत गुण ने रविवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि शुरू से ही संयुक्त मंच ऑफ डॉक्टर्स, कैंपस लोकतंत्र के पक्ष में रहा है। हम जानते हैं कि पिछले पांच वर्षों से जादवपुर विश्वविद्यालय में छात्र परिषद के चुनाव नहीं हुए हैं। विश्वविद्यालय के लोकतंत्र-प्रेमी छात्र कई दिनों से विश्वविद्यालय में लोकतंत्र वापस लाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। कल जब राज्य के शिक्षा मंत्री विश्वविद्यालय आए, तो छात्र उनसे बात करना चाहते थे लेकिन बिना कुछ कहे मंत्री विश्वविद्यालय से जाने के लिए अपनी कार में बैठ गए। कार के सामने बैठना या लेटना विरोध का सही तरीका है। इस स्थिति में आमतौर पर, कार को रोक देना चाहिए लेकिन हमने देखा कि शिक्षा मंत्री की कार के चालक ने गाड़ी नहीं रोकी, बल्कि कई प्रदर्शनकारी छात्रों को कुचलते हुए आगे निकल गए। जिसकी वजह से गंभीर रूप से घायल दो छात्रों को केपीसी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। इनमें इंद्रानुज रॉय की हालत गंभीर है। हम शिक्षा मंत्री के इस बर्बर अमानवीय व्यवहार की निंदा करते हैं। जो लोग आंदोलन के स्वरूप पर बात कर रहे हैं, चाहे वे शिक्षा मंत्री हों या सत्तारूढ़ दल के प्रवक्ता, मैं उन्हें उस समय के छात्र संगठन के नेताओं द्वारा कोलकाता विश्वविद्यालय परिसर में जयप्रकाश नारायण की कार के बोनट पर चढ़ कर प्रदर्शन की याद दिलाना चाहूंगा।

जयप्रकाश नारायण आपातकाल विरोधी आंदोलन का नेतृत्व कर रहे थे, जबकि आपातकाल समर्थक छात्र इसका विरोध कर रहे थे। आपातकाल इस देश के लोकतांत्रिक अधिकारों का एक शर्मनाक अध्याय है। डॉक्टरों का संयुक्त मंच लोकतंत्र को बहाल करने की लड़ाई में जादवपुर विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ है।

उल्लेखनीय है कि डॉक्टरों के संयुक्त मंच ने तीन मार्च की शाम चार बजे जादवपुर विश्वविद्यालय के खेल मैदान से एक भव्य जुलूस निकालने का आह्वान किया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / गंगा

   

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