डोटासरा ने चौपाल के बदमाश-गुंडों जैसा व्यवहार किया : दिलावर
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- Feb 26, 2025

जयपुर, 26 फ़रवरी (हि.स.)। शिक्षा एवं पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर ने गीता की सौगंध खाने की बात कहने वाले कांग्रेस नेता गोविंद सिंह डोटासरा के लिए गीता मायने ही नहीं रखती है। डोटासरा को ईगो छोड़कर माफी मांग लेनी चाहिए थी। शिक्षा मंत्री ने बुधवार को उदयपुर में स्कूल के एक कार्यक्रम में विधानसभा की खींचतान को लेकर बात की।
उन्हाेंने कहा कि डोटासरा तो कहते थे कि अयोध्या में भगवान राम का मंदिर नहीं बनने देंगे और बन गया तो तोड़ देंगे। अब ऐसे में उनके लिए गीता क्या मायने रखती है।
डोटासरा तो भगवान राम और श्रीकृष्ण को मानते ही नहीं है। दिलावर ने कहा कि बैठक में तय हो गया था कि डोटासरा माफी मांगेंगे। निलंबित सदस्यों को सदन में नहीं बुलाते, लेकिन स्पीकर की सहृदयता देखिए कि उनको विशेष स्वीकृति दी। इसके बाद सदन में आकर वे मुकर गए और सदन स्थगित हो गया।
मंत्री ने कहा कि डोटासरा सदन में आएं या नहीं आएं उससे कोई अंतर नहीं आता है। राजस्थान की जनता थू-थू कर रही है। कांग्रेस के लोग आपस में लड़ रहे हैं। पुराने लोग कह रहे हैं कि सदन में कोई भी गलती हो जाती है तो माफी मांग ली जाती है। दिलावर ने कहा कि सदन में पूर्व में मेरे से भी गलती हुई तो मैंने भी माफी मांगी है। कोई मांगने से छोटा नहीं हो जाता है। डोटासरा के व्यवहार से मुख्यमंत्री, स्पीकर, सत्ता पक्ष के लोग दुखी हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित