
सूरत, 7 अप्रैल (हि.स.)। वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय के 56वें दीक्षांत समारोह में जब डॉ. जयदीपसिंह देसाई को प्रबंधन (मैनेजमेंट) में पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई, तब यह केवल एक अकादमिक उपलब्धि नहीं थी, बल्कि एक दूरदर्शी सोच की शुरुआत थी, जिसका लक्ष्य समाज और राष्ट्र के कल्याण में शोध और नवाचार को समर्पित करना है।
36 वर्षीय डॉ. देसाई, वर्तमान में गणपत विश्वविद्यालय के प्रबंधन संकाय में सहायक प्राध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने अपनी पीएचडी की पढ़ाई वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय, सूरत से पूरी की। पूर्व में उन्होंने गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) जीवन यापन करने वाले परिवारों के बैंकिंग सेवाओं के उपयोग और उनके सामाजिक-आर्थिक स्तर पर प्रभाव को लेकर एक गहन शोध किया था। उनका उद्देश्य रहा है कि समाज के कमज़ोर वर्गों की आवश्यकताओं और बदलाव की संभावनाओं को आंकड़ों और विश्लेषण के ज़रिये उजागर किया जाए।
डॉ. देसाई मानते हैं कि उनकी पीएचडी की डिग्री उनके लिए एक 'गोल्डन अचीवमेंट' है, जिसे वे भविष्य में अपने शोध और नवाचार के माध्यम से समाजहित में उपयोग करना चाहते हैं। उन्होंने कहा:हमेशा फ़्लेक्सिबल और ईनोवेटिव बने रहें। सीखना कभी बंद न करें। केवल अपने लिए नहीं, बल्कि समाज के हित में सोचकर ज्ञान अर्जित करें।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद पाण्डेय