जींद, 15 जुलाई (हि.स.)। हर घर तक शुद्ध पेयजल पहुचाने के लिए समय-समय पर पेयजल की जांच जरूरी है ताकि हर व्यक्ति स्वस्थ रहे। इसी को लेकर मंगलवार को जिला लैब कैमिस्ट विरेंद्र सिंह ने पेयजल के सैंपल लिये व क्लोरिनेशन चैक की। उन्होंने दोनों जलघरों से कैमिकल व बैक्ट्रोलोजिकल टैस्ट के लिए पानी के सैंपल लिए और पेयजल में क्लोरिनेशन की जांच करते हुए कहा कि यह नियमित तौर पर की जानी चाहिए।
पेयजल में क्लोरिनेशन आपूर्ति सें यह पता चल जाता है कि उपभोक्ता तक पानी शुद्ध पहुच रहा है की नही। यदि गली के अंतिम छोर पर पेयजल आपूर्ति में क्लोरिनेशन पाई जाती है तो पानी शुद्ध है और कहीं पर कोई लिकेज भी नही है। इसके बाद टीम ने गांव में घर-घर जाकर पेयजल आपूर्ति शुरू करवाकर पानी में क्लोरिनेशन की जांच की।
मंगलवार को जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के उपमंडल अभियंता नवीन कुमार मुंडे ने सींसर व सींगवाल जलघर का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि विभाग हर घर में शुद्ध पेयजल पहुंचाने का प्रयास कर रहा है। इसके लिए सभी घरों में क्लोरिनेशन युक्त पानी की सप्लाई की जाती है। गांव में कमचारियों द्वारा पेयजल पाइप लाइन का निरीक्षण किया जाता है ताकि किसी प्रकार की लिकेज होने पर उसे तुरंत ठीक करवाया जा सकें।
जिला सलाहकार रणधीर मताना ने बताया कि जींद जिला के सभी गांव में पांच- पांच महिलाओं को एफ्टीके किट से पेयजल जांच का प्रशिक्षण दिया गया हैं। इससे महिलाएं खुद पेयजल की जांच कर सकती हैं। इसके साथ ही सभी ब्लाक में खंड समन्वयक द्वारा आंगनवाडी वर्कर, ग्राम जल एवं सीवरेज समिति के सदस्य को ओटी टैस्ट किट का प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि वे पेयजल में क्लोरिनेशन की जांच कर सकें।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजेंद्र मराठा



