सेंसर वाला डस्टबिन, डस्टबिन के पास हाथ लाते ही खुलेगा ढक्कन

अपने माडल के साथ विद्यार्थी।अपने माडल के साथ विद्यार्थी।अपने माडल के साथ विद्यार्थी।

विज्ञान की अहमियत बताने मनाया गया विज्ञान दिवस

धमतरी, 28 फ़रवरी (हि.स.)। विज्ञान की अहमियत को बताने, विभिन्न अविष्कार में वैज्ञानिकों के योगदान को आभार व्यक्त करने के लिए 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया गया। शहर में स्थित पीएमश्री शासकीय उमावि बठेना में जिला स्तरीय राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने कई रोचक माडल बनाए।

डा शोभाराम देवानंद शासकीय उमावि के छात्र जीवा नेताम व यश साहू ने सेंसर वाला डस्टबिन बनाया है। डस्टबिन के ढक्कन के सामने लगे सेंसर के पास जैसे ही हाथ पहुंचता है डस्टबिन का ढक्कन खुल जाता है। इससे किसी भी व्यक्ति को डस्टबिन के ढक्कन को हाथ से खोलने की जरूरत नहीं है। छात्रों ने बताया कि स्वच्छता को बेहतर बनाने की प्रेरणा से उन्होंने सेंसर वाला डस्टबिन बनाया है। महज 400 की लागत से यह माडल तैयार किया गया है। इसी तरह से कक्षा 11वीं के छात्र रितेश सोनी और आयुष ठाकुर ने लाइव फालो रोबोट बनाया है। इन्होंने बताया कि उनके द्वारा तैयार रोबोटिक वाहन कमांड देने के आधार पर चलता है। इसका उपयोग एरोड्रम, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड जैसे स्थानों पर किया जा सकता है। जहां पर सेंसर के माध्यम से एक निश्चित दूरी पर ये रोबोटिक वाहन चलते हैं, जिससे सामान्य वजन का परिवहन आसानी से किया जा सकता है।

शासकीय उमावि दुगली के छात्र नुमेष मरकाम व पूरनलाल मरकाम ने सिल्वर पेपर और काटन कपड़े के माध्यम से टंकी को ढंकने की विधि बताई। उनका कहना है कि गर्मी के मौसम में छत के ऊपर लगी पानी की टंकी काफी गर्म हो जाती है। टंकी के तापमान को सामान्य रखने के लिए सिल्वर पेपर और काटन कपड़े की परत चढ़ाकर तापमान को संतुलित रखा जा सकता है। कक्षा सातवीं के विद्यार्थी दीपावली फूटान व राकेश साहू ने मानव हृदय का माडल बनाया। अपने माडल की सहायता से विद्यार्थियों ने मानव हृदय की गतिविधियों को समझाया।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा

   

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