आय से अधिक संपत्ति मामले में ईडी की बड़ी कार्रवाई, दिवंगत जेल डीआईजी की 4.68 करोड़ की प्रॉपर्टी कुर्क
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- Jan 04, 2025
भोपाल, 04 जनवरी (हि.स.)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए भोपाल जेल के तत्कालीन डीआईजी जेल स्व. उमेश कुमार गांधी, उनके परिवार के सदस्यों और सहयोगियों से संबंधित 4.68 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति कुर्क कर ली है। यह कार्रवाई तत्कालीन डीआईजी गांधी के घर 12 साल पहले विशेष स्थापना पुलिस (लोकायुक्त) द्वारा पुलिस द्वारा मारे गए छापे के संबंध में की गई है।
ईडी द्वारा शनिवार को जारी विज्ञप्ति के अनुसार, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) 1860 की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (पीसी एक्ट) के तहत लोकायुक्त पुलिस भोपाल ने उमेश कुमार गांधी के खिलाफ कार्रवाई की थी। गांधी पर अनुपातहीन संपत्ति का संचय करने के आरोप में जांच की गई और लोकायुक्त पुलिस भोपाल ने इस मामले में दो आरोप पत्र दाखिल किए हैं। पहला आरोप पत्र विशेष न्यायालय में पीसी एक्ट के तहत और दूसरा प्रथम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश भोपाल की अदालत में दायर किया गया है। इन मामलों में तत्कालीन जेल डीआईजी उमेश कुमार गांधी, अजय कुमार गांधी (तत्कालीन जेल प्रहरी, जिला जेल सीहोर), और अर्चना गांधी (उमेश कुमार गांधी की पत्नी) पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। इन पर 5.13 करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति जुटाने के मामले में यह कार्रवाई की गई है।
सीहोर, सागर, कटनी, भोपाल और इंदौर की संपत्तियां कुर्क-
ईडी ने आय से अधिक संपत्ति के स्रोत का पता लगाने के लिए पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) के तहत जांच की। जांच में सामने आया कि स्व. उमेश कुमार गांधी ने अपने नाम पर भारी मात्रा में चल-अचल संपत्ति अर्जित की थी। उनके परिवार के सदस्यों और सहयोगियों के नाम पर कुल 4.68 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति मिली हैं। इसमें से 20 अचल संपत्तियों की पहचान की गई, जो मध्य प्रदेश के सागर, कटनी, सीहोर, भोपाल और इंदौर में स्थित हैं। इसके अलावा, बैंक खातों की शेष राशि, आभूषण, बीमा पॉलिसियां, म्यूचुअल फंड और किसान विकास पत्र जैसी चल संपत्तियां भी शामिल हैं। इन सभी को ईडी ने अस्थायी रूप से कुर्क कर लिया है।
गौरतलब है कि भोपाल जेल के तत्कालीन डीआईजी उमेश कुमार गांधी के घर 12 साल पहले लोकायुक्त पुलिस ने छापा मारा था। उस समय उनके पास करीब 25 करोड़ रुपये की संपत्ति मिली थी। लोकायुक्त ने उनके दो भाइयों, अजय गांधी (सीहोर) और रामगोपाल गांधी (सागर) के घरों पर भी छापेमारी की थी। अजय गांधी के घर से लगभग 8 लाख रुपये की एफडी, 35 हजार रुपये नकद और लगभग 10 तोला सोने के आभूषण जब्त किए गए थे।
उमेश गांधी का 1987 में जिला जेल अधीक्षक के रूप में चयन हुआ था। पांच साल बाद पदोन्नति के बाद गांधी केंद्रीय जेल अधीक्षक बने थे। इस दौरान उन्होंने कई जिलों में रहे। दो साल पहले उन्हें डीआईजी जेल के पद पर नियुक्त किया गया था। उनका अंतिम वेतन लगभग 70,000 रुपये प्रति माह था। हालांकि, उनके खिलाफ मामला अभी चल रहा था, तभी उनकी मृत्यु हो गई थी।---------------
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर