बंगाल स्कूल भर्ती घोटाला : ईडी को चार एसएससी अधिकारियों के खिलाफ नए सबूत मिले

कोलकाता, 03 फरवरी (हि. स.)। पश्चिम बंगाल के स्कूल भर्ती घोटाले में चार पूर्व शीर्ष अधिकारियों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को इनके खिलाफ नए सबूत मिले हैं, जो घोटाले में उनकी सीधी संलिप्तता को दर्शाते हैं।

सूत्रों के अनुसार, ईडी ने इन नए सबूतों को एक पूरक आरोपपत्र में शामिल कर लिया है, जिसे एक फरवरी की रात कोलकाता की एक विशेष अदालत में दायर किया गया। आरोपितों में पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीएसई) के पूर्व अध्यक्ष कल्याणमय गांगुली, पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) की स्क्रीनिंग कमेटी के पूर्व प्रमुख, डब्ल्यूबीएसएससी के पूर्व अध्यक्ष और उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एस भट्टाचार्य और डब्ल्यूबीएसएससी के पूर्व सचिव अशोक कुमार साहा शामिल हैं।

ईडी के नए आरोपपत्र में विशेष रूप से इन अधिकारियों की कथित मिलीभगत को उजागर किया गया है, जिसमें आरोपित दलाल प्रसन्ना रॉय के साथ उनके संबंधों का भी विस्तृत विवरण दिया गया है। इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कोलकाता की विशेष अदालत में सुनवाई पिछले महीने शुरू हो चुकी है।

इसके अलावा, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) भी इस घोटाले की अलग से जांच कर रहा है। ईडी द्वारा अब तक दायर चार्जशीट में कुल 53 लोगों को आरोपित बनाया गया है, जिसमें 29 व्यक्ति और 24 कंपनियां व ट्रस्ट शामिल हैं।

इन चार अधिकारियों के अलावा, पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी, उनकी करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी और उनके दामाद कल्याणमय भट्टाचार्य भी इस मामले में आरोपित हैं।

ईडी के आरोपपत्र में बबली चटर्जी मेमोरियल ट्रस्ट का भी नाम शामिल है, जिसे पार्थ चटर्जी की दिवंगत पत्नी के नाम पर बनाया गया था। आरोप है कि घोटाले की अवैध कमाई को इस ट्रस्ट के माध्यम से दान के रूप में दिखाकर हेरफेर किया गया।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

   

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