राइजिंग राजस्थान: 'एजुकेशन प्री-समिट 2024' से होगा शिक्षा का नवनिर्माण

जयपुर, 4 नवंबर (हि.स.)। मरुभूमि राजस्थान अब शिक्षा के क्षेत्र में भी एक नया और स्वर्णिम अध्याय लिखने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग 'राइजिंग राजस्थान' के तहत छह नवंबर को 'एजुकेशन प्री-समिट 2024' का आयोजन करने जा रहा है। इस आयोजन में शिक्षा क्षेत्र के विभिन्न विशेषज्ञ, शिक्षाविद, नीति-निर्माता, उद्योग जगत के प्रमुख व्यक्तित्व, दानदाता और प्रदेश की शिक्षा को नई दिशा देने वाले विशिष्ट जन शामिल होंगे।

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने बताया कि शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित इस प्री-समिट का उद्देश्य राज्य की शिक्षा व्यवस्था को केवल राज्य स्तर पर ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रतिस्पर्धी बनाना है। इसमें राजकीय विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारना, नए शैक्षिक दृष्टिकोणों और नवाचारों को अपनाना, कौशल विकास को प्रोत्साहित करना और शिक्षा के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देना शामिल है। इस प्री-समिट में शिक्षा को सिर्फ किताबी ज्ञान तक सीमित रखने के बजाय उसे रोजगारोन्मुख बनाने के उपायों पर चर्चा की जाएगी, ताकि प्रदेश के छात्र भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार हो सकें।

'एजुकेशन प्री-समिट 2024' का एक प्रमुख आकर्षण शिक्षा में नवाचार और तकनीकी उन्नति को बढ़ावा देना है। राजस्थान के राजकीय विद्यालयों में डिजिटल शिक्षा, ई-लर्निंग, स्मार्ट क्लास, कम्प्यूटर शिक्षा, और नई तकनीकों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), वर्चुअल रियलिटी (वीआर) और एडटेक का उपयोग किया जाएगा ताकि विद्यार्थियों को आधुनिक तरीके से शिक्षा प्रदान की जा सके। समिट में इस पर चर्चा होगी कि इन तकनीकों का किस प्रकार उपयोग किया जा सकता है ताकि शिक्षा को अधिक आकर्षक और प्रभावी बनाया जा सके। एजुकेशन प्री-समिट में कौशल विकास को भी विशेष महत्व दिया गया है। आज के दौर में शिक्षा का उद्देश्य केवल डिग्री तक सीमित नहीं है, बल्कि युवाओं को आत्मनिर्भर और रोजगार योग्य बनाना भी है। समिट में राजस्थान के युवाओं को विभिन्न रोजगारपरक कौशल से सुसज्जित करने की योजनाओं पर विचार किया जाएगा, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और राजस्थान का युवा वर्ग राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकेगा।

एजुकेशन प्री-समिट 2024 का उद्देश्य केवल शिक्षा सुधार तक सीमित नहीं है, इसका दीर्घकालिक लक्ष्य राज्य को एक शिक्षा हब के रूप में विकसित करना है। इस समिट के माध्यम से राजस्थान सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि राज्य का हर बच्चा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सके और एक उज्ज्वल भविष्य की ओर अग्रसर हो। 'राइजिंग राजस्थान' की यह पहल राज्य की शिक्षा व्यवस्था में नए आयाम जोड़ेगी और आगामी वर्षों में राजस्थान को शिक्षा के क्षेत्र में एक प्रमुख स्थान दिलाने में सहायक सिद्ध होगी। उम्मीद की जा रही है कि 'एजुकेशन प्री-समिट 2024' से न केवल राजस्थान की शिक्षा व्यवस्था को नई गति और दिशा मिलेगी, बल्कि यह राज्य को शिक्षा के क्षेत्र में एक प्रमुख हब के रूप में स्थापित करने में भी सहायक होगा। राज्य सरकार की इस पहल से निश्चित रूप से राजस्थान के शिक्षा क्षेत्र में नवनिर्माण की राह प्रशस्त होगी और इसे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित

   

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