विद्यालयों से गुजरते बिजली के तार, बच्चों की सुरक्षा खतरे में

-आयुक्त द्वारा निर्धारित समय सीमा खत्म, तार हटाने की प्रक्रिया अधूरी

-195 विद्यालयों में से केवल 35 से हटे बिजली के तार

मीरजापुर, 10 दिसंबर (हि.स.)। सरकारी आदेशों और समय सीमा के बावजूद परिषदीय विद्यालयों से गुजरने वाले बिजली के खतरनाक तार अब तक नहीं हटाए गए हैं। आयुक्त डॉ. मुथुकुमार स्वामी बी. ने पिछले महीने बिजली विभाग को एक सप्ताह के भीतर यह काम पूरा करने का निर्देश दिया था। लेकिन स्थिति जस की तस है। जनपद में 195 विद्यालयों पर से बिजली के तार गुजर रहे हैं, जबकि विंध्याचल मंडल के मीरजापुर और भदोही में केवल 35 विद्यालयों से तार हटाए जा सके हैं।

बिजली के तार हटाने में हो रही देरी से बच्चों की सुरक्षा खतरे में है। शासन और प्रशासन के बीच समन्वय की कमी इस प्रक्रिया को धीमा कर रही है। अब देखना होगा कि बच्चों की सुरक्षा को लेकर ठोस कदम कब उठाए जाते हैं।

आदेश के बावजूद कार्रवाई धीमी

बिजली विभाग और शिक्षा विभाग के बीच पत्राचार जारी है, लेकिन बच्चों की सुरक्षा पर मंडराता खतरा बना हुआ है। कई विद्यालयों में हाइटेंशन तार सीधे परिसरों के ऊपर से गुजर रहे हैं, जिससे दुर्घटना का डर बना रहता है।

तार हटाने में देरी के कारण

स्टीमेट की कमी: 195 विद्यालयों में से 54 का स्टीमेट अब तक नहीं मिला।

धनराशि का वितरण: ग्राम पंचायत निधि से धनराशि भेजने की प्रक्रिया धीमी।

भुगतान में विलंब: एक लाख से अधिक स्टीमेट वाले विद्यालयों में भुगतान लंबित।

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अनिल कुमार वर्मा ने बताया कि 54 विद्यालयों का स्टीमेट लंबित है। शेष विद्यालयों के लिए धनराशि भेजने की प्रक्रिया चल रही है।

जिला पंचायत राज अधिकारी संतोष श्रीवास्तव ने बताया कि 100 विद्यालयों की सूची में से 33 का भुगतान किया जा चुका है। शेष पर कार्य जारी है।

अधीक्षण अभियंता, विद्युत रामदास ने बताया कि 35 विद्यालयों से तार हटाए जा चुके हैं। शेष कार्य जल्द पूरा किया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा

   

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