एनएफ रेलवे के शिमलगुड़ी-तिनसुकिया सेक्शन का विधुतीकरण अंतिम चरण पर : सीपीआरओ
- Admin Admin
- Feb 20, 2025
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कटिहार, 20 फरवरी (हि.स.)। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के प्रधान मुख्य विद्युत इंजीनियर ने गुरुवार को को मरियानी- शिमलगुड़ी और शिमलगुड़ी-डिब्रूगढ़ सेक्शन वाया मराणहाट पर चल रहे विधुतीकरण कार्य का निरीक्षण किया। यह कार्य पूर्ण होने पर डिब्रूगढ़ ओवरहेड इक्विपमेंट (ओएचई) के माध्यम से सीधे गुवाहाटी से जुड़ जाएगा। जिससे डिब्रूगढ़ राजधानी एक्सप्रेस और अन्य सुपरफास्ट ट्रेनें इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन पर चल सकेंगी।
एनएफ रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कपिंजल किशोर शर्मा ने बताया कि शिमलगुड़ी-तिनसुकिया सेक्शन का विधुतीकरण अंतिम चरण पर है, जिसे आगामी 25 मार्च तक कमीशंड होने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि लामडिंग-डिमापुर -फरकाटिंग-मरियानी सेक्शन पहले ही चालू हो चुका हैं। इसके अतिरिक्त बीते 31 जनवरी को मरियानी- शिमलगुड़ी-डिब्रूगढ़ सेक्शन में विद्युत इंजन का परीक्षण सफलतापूर्वक किया गया, जो इस क्षेत्र के रेलवे विधुतीकरण प्रयासों में एक महत्वपूर्ण माइलस्टोन है।
सीपीआरओ ने बताया कि पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के अधीन शिमलगुड़ी-डिब्रूगढ़ सेक्शन और संबंधित साइडिंग सहित लामडिंग-डिब्रूगढ़ मार्ग वाया तिनसुकिया के लिए रेलवे बिजलीकरण परियोजना तीव्र गति से आगे बढ़ रही है। लामडिंग और तिनसुकिया मंडलों में चल रही यह परियोजना मई 2022 में भौतिक रूप से शुरू हुई थी और इसमें व्यापक बुनियादी संरचना का विकास शामिल है। इस परियोजना में 488 आरकेएम/650 टीकेएम ओवरहेड इक्विपमेंट (ओएचई), पांच ट्रैक्शन सबस्टेशन, 29 स्विचिंग स्टेशन और 50 किलोमीटर से अधिक की पांच ट्रांसमिशन लाइनों की स्थापना शामिल है। इसके अतिरिक्त, इसमें पांच ओएचई/पीएसआई डिपो, पांच टावर वैगन शेड और 121 स्टाफ क्वार्टर, प्रशासनिक भवन और स्टेशन अपग्रेड सहित कई सिविल संरचनाओं का निर्माण शामिल है।
इस परियोजना के तहत एक महत्वपूर्ण बुनियादी संरचना में बढ़ोतरी मनकट्टा में रोड ओवर ब्रिज (आरओबी) का पुनर्निर्माण शामिल है, जिसका उद्देश्य डिब्रूगढ़ और डिब्रूगढ़ टाउन स्टेशन पर कनेक्टिविटी में सुधार करना है।
इस महत्वपूर्ण रेल कॉरिडोर के विधुतीकरण से परिचालन दक्षता बढ़ेगी, डीजल पर निर्भरता कम होगी, कार्बन उत्सर्जन कम होगा और पूर्वोत्तर की कनेक्टिविटी में उल्लेखनीय सुधार होगा। इन सेक्शनों का सफलतापूर्वक पूर्ण होना रेलवे की बुनियादी संरचना के विकास में एक प्रमुख माइलस्टोन साबित होगा, जिससे इस क्षेत्र के लिए सुगम, तेज और अधिक पर्यावरण अनुकूल ट्रेन का परिचालन सुनिश्चित होगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / विनोद सिंह