सूचनाएं प्राप्त करना सभी का अधिकार, लोकतंत्र को सुदृढ़ और प्रबल बनाने में आरटीआई की भूमिका महत्वपूर्ण : राज्यपाल

- उत्कृष्ट कार्य पर आठ लोक सूचना अधिकारी व प्रथम अपीलीय अधिकारियों का सम्मान

- आरटीआई की 19वीं वर्षगांठ के अवसर पर राजभवन में आयोजित हुआ सम्मान समाराेह

देहरादून, 10 अक्टूबर (हि.स.)। सूचना का अधिकार अधिनियम के लागू होने की 19वीं वर्षगांठ पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने गुरुवार को राजभवन ऑडिटोरियम में उत्तराखंड सूचना आयोग की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोक सूचना अधिकारियों और प्रथम अपीलीय अधिकारियों को सम्मानित किया।

इस मौके पर राज्यपाल सिंह ने सम्मानित होने वाले अधिकारियों को उनके सराहनीय कार्यों के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि सूचनाओं का आदान-प्रदान जरूरी है, जिससे एक जवाबदेह और जिम्मेदार शासन की स्थापना हो सके। जिस संस्थान में पारदर्शी और जवाबदेह कार्यप्रणाली होगी, वह सूचनाओं के आदान-प्रदान को सकारात्मक रूप में देखता है। सूचनाएं प्राप्त करना सभी का अधिकार है। लोकतंत्र को सुदृढ़ और प्रबल बनाने में सूचना का अधिकार की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि इस अधिनियम से शासन-प्रशासन को जवाबदेह और पारदर्शी बनाने में मदद मिलती है। इसके जरिए सुधारात्मक सुझाव प्राप्त होते हैं, जो सुशासन को बढ़ावा देते हैं।

महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर हो फोकस

राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान में केवल मैदानी जिलों के सूचना का अधिकार के आवेदन प्राप्त हो रहें हैं। पहाड़ी जपनदों में यह संख्या बेहद कम है। उन्होंने इन जिलों पर विशेष फोकस किए जाने पर बल दिया और कहा कि इन जनपदों में लोगों को जागरूक किया जाए। महिलाओं की भागीदारी भी सूचना प्राप्त करने में बेहद न्यून है, उनकी भागीदारी को बढ़ाने के विशेष प्रयास किए जाए।

आरटीआई ऑनलाइन पोर्टल शुरू

राज्यपाल ने आयोग द्वारा आवेदन और अपील पत्र प्रस्तुत करने के लिए आरटीआई ऑनलाइन पोर्टल प्रारंभ किए जाने और हाइब्रिड मोड में पक्षकारों को सुनवाई शुरू करने के लिए आयोग को बधाई दी।

उत्तराखंड सूचना आयोग में अभी लंबित हैं 931 द्वितीय अपील-शिकायतें

प्रभारी मुख्य सूचना आयुक्त विवेक शर्मा ने बताया कि उत्तराखंड सूचना आयोग की स्थापना से अगस्त 2024 तक कुल 56 हजार 939 द्वितीय अपील-शिकायतें प्राप्त हुईं हैं। इनमें से 56 हजार 008 शिकायतों का आयोग स्तर से निस्तारण किया गया है। मार्च 2024 तक प्रदेश के समस्त लोक सूचना अधिकारियों को कुल 12 लाख 82 हजार 556 सूचना अनुरोध पत्र और विभागीय अपीलीय अधिकारियों को कुल एक लाख 32 हजार 521 प्रथम अपील प्राप्त हुई। वर्तमान में उत्तराखंड सूचना आयोग में कुल 931 द्वितीय अपील-शिकायत लंबित है। उन्होंने बताया कि नागरिकों को ऑनलाइन अनुरोध पत्र, प्रथम अपील और द्वितीय अपील-शिकायत की सुविधा भी प्रदान की जा रही है।

अनुशासन, सुशासन और पारदर्शी तंत्र के लिए सूचना का अधिकार अधिनियम जरूरी

सूचना आयुक्त विपिन चंद्र ने सूचना का अधिकार के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों को बधाई दी और कहा कि इससे अन्य अधिकारी भी प्रेरित होंगे। सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने कहा कि अनुशासन, सुशासन और पारदर्शी तंत्र के लिए सूचना का अधिकार अधिनियम जरूरी है। सूचना का अधिकार के प्रति नकारात्मकता को कम किए जाने के साथ इसके सकारात्मक पहलुओं पर जोर दिया जाना चाहिए। इस अवसर पर अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष मुकेश कुमार, बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना, डीजीपी अभिनव कुमार, सचिव दीपेंद्र कुमार चौधरी, सचिव अरविंद कुमार पांडेय आदि उपस्थित थे।

इन्हें मिला सम्मान

वर्ष 2022-23 तथा वर्ष 2023-24 में विभागीय अपीलीय अधिकारी के रूप में उत्कृष्ट कार्य करने वाले उप महाप्रबंधक उत्तराखंड परिवहन निगम प्रदीप सती, तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी हरिद्वार प्रतीक जैन और जिला विकास अधिकारी हरिद्वार वेदप्रकाश को सम्मानित किया। लोक सूचना अधिकारी के रूप में उत्कृष्ट कार्य करने वाले टिहरी गढ़वाल के नरेंद्रनगर थानाध्यक्ष गोपालदत्त भट्ट, जिला विकास अधिकारी बागेश्वर संगीता आर्या, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी हरिद्वार पंकज श्रीवास्तव, वरिष्ठ विपणन अधिकारी कार्यालय संभागीय खाद्य नियंत्रक गढ़वाल मंडल राधिका बिंजोला और चिकित्सा शिक्षा विभाग उत्तराखंड शासन देहरादून की अनुसचिव ऋचा को राज्यपाल ने सम्मानित किया।

हिन्दुस्थान समाचार / कमलेश्वर शरण

   

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