वास्तविकता से परे गरीब, आमजन के हितों के विपरीत बजट: पायलट

जयपुर, 19 फ़रवरी (हि.स.)। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा विधानसभा में प्रस्तुत बजट को वास्तविकता से परे गरीब, आमजन के हितों के विपरीत बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अपने बजट भाषण में नयी-नयी घोषणाएं तो कर दी परन्तु पिछले बजट में की गई घोषणाओं की वर्तमान स्थिति क्या है यह बताने में असफल रही है। सरकार को नई घोषणाएं करने के साथ ही यह भी बताया चाहिए था कि इन्हें धरातल पर किस प्रकार उतारा जायेगा।

पायलट ने कहा कि आज प्रस्तुत बजट में रोजगार नीति लागू करने तथा युवाओं के लिए सवा लाख सरकारी नौकरियों की घोषणा की गई है परन्तु पिछले वर्ष के एक लाख सरकारी नौकरियां देने के वादे का क्या हुआ, सरकार को आंकड़े प्रस्तुत करने चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षित बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता नहीं दिया जा रहा है, जो कि चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन की अवधि 2028 तक बढ़ाई गई है परन्तु पिछले एक साल से हजारों करोड़ रूपये की वृहत् परियोजनाओं के टेंडर लम्बित पड़े है। इसी प्रकार अमृत 2.0 योजना में शहरों की पेयजल व्यवस्था के लिए पिछले एक साल में पांच हजार करोड़ रूपये में से एक पैसा भी खर्च नहीं हो पाया और फिर इस बजट में वहीं घोषणा कर दी।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में महंगाई को कम करने के लिए भी बजट में कोई उल्लेख नहीं किया गया है। केन्द्र व प्रदेश में भाजपा की सरकार होने के बावजूद पेट्रोल, डीजल, केरोसीन के दामों को कम करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया।

पायलट ने कहा कि जिस ईआरसीपी को लेकर सरकार कह रही है कि 9500 करोड़ रूपये के वर्क ऑर्डर जारी कर दिये गये है तथा 12000 करोड़ रूपये के टेंडर आमंत्रित कर लिये है, उसके लिए सरकार ने बजट में केवल 200 करोड़ रूपये का प्रावधान किया है और केन्द्रीय मद में प्रावधान शून्य है। पायलट ने कहा कि सरकार को पारदर्शी तरीके से काम करते हुए जनता के समक्ष लाना चाहिए कि ईआरसीसी के लिए वित्तीय प्रबंधन किस प्रकार हो रहा है तथा जनता पर इसका क्या दूरगामी प्रभाव पड़ेगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश

   

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