10 लाख रुपये की लागत से उत्कृष्ट पीएमश्री स्कूल को मिलेगी सुविधाएं, चल रही तैयारी
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- Apr 09, 2025

कलेक्टर ने तय किए मापदण्ड, स्कूल शिक्षा विभाग के कामों की हुई समीक्षा
धमतरी, 9 अप्रैल (हि.स.)। कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने बुधवार को स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जिले में संचालित विभिन्न स्कूलों और संस्थाओं के कार्यों की गहन समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने जिले में संचालित 10 पीएमश्री स्कूलों की गतिविधियों पर विस्तार से चर्चा की। कलेक्टर ने इन सभी स्कूलों में सुव्यवस्थित संचालन और पढ़ाई-लिखाई का स्तर बढ़ाने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। कलेक्टर ने यह भी घोषणा की कि व्यवस्थित संचालन, पढ़ाई के स्तर और शैक्षणेत्तर गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले पीएमश्री स्कूलों को अतिरिक्त आर्थिक सहयता दी जाएगी। बैठक में कलेक्टर ने कहा कि ऐसे उत्कृष्ट प्रायमरी पीएमश्री स्कूल को 10 लाख रुपये और हायर सेकेण्डरी स्कूल को 25 लाख रुपये की सहायता मिलेगी।
उन्होंने बैठक में कहा कि बच्चों की पढ़ाई का माहौल, शिक्षकों के पढ़ाने का तरीका, व्यवस्थित प्रयोगशालाएं, बच्चों में साफ्ट आर्ट डेवलपमेंट, दसवीं एवं बारहवीं कक्षाओं के गत वर्षों के रिजल्ट, मेरिट लिस्ट में स्थान प्राप्त विद्यार्थी जैसे बिन्दुओं पर स्कूलों का आंकलन होगा। कलेक्टर ने इन स्कूलों के लिए मापदंड भी निर्धारित किए। विद्यालयों का निरीक्षण स्वयं कलेक्टर मिश्रा और जिला पंचायत की सीईओ रोमा श्रीवास्तव करेंगी। मापदंडों पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले स्कूलों को आर्थिक सहयता दी जाएगी। बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी टीआर जगदल्ले, डीएमसी सहित पीएमश्री स्कूलों के प्राचार्य और शिक्षा विभाग के अधिकारी तथा बीईओ भी मौजूद रहे।
बैठक में कलेक्टर ने जिले में संचालित सभी स्कूलों की जानकारी शिक्षा अधिकारी से ली। उन्होंने भवन विहीन और शिक्षक विहीन स्कूलों के बारे मे भी पूछा। डीईओ टीआर जगदल्ले ने बताया कि जिले में केवल दो प्रायमरी स्कूल ही शिक्षकविहीन है, जिनमें तात्कालिक व्यवस्था के आधार पर पढ़ाई कराई जा रही है। कलेक्टर ने जिले के स्कूलों में रिक्त पड़े शिक्षकों के पदों पर वैकल्पिक व्यवस्था कर बच्चों की पढ़ाई सुनिश्चित कराने के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी को दिए। कलेक्टर ने आगामी गर्मी की छुट्टियों में 15 दिन के समर कैम्प आयोजन करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि बच्चों को गर्मियों की छुट्टियों में स्कूलों से जोड़े रखने के लिए समर कैंपों में स्पोकन इंग्लिश, पेंटिंग, म्यूजिक, वाद्य यंत्र बजाने से लेकर स्पोर्ट्स, योगा जैसी गतिविधियों में संलग्न किया जाए। कलेक्टर ने विकासखंड स्तर और जिला स्तर पर ऐसे समर कैंप आयोजित करने को कहा।
बैठक में कलेक्टर ने उमंग अभियान के तहत संचालित रिफ्रेशर कोचिंग की प्रगति की जानकारी भी ली। उन्होंने हर सप्ताह इस कोचिंग में पढ़ रहे नीट, जेईई परीक्षा के विद्यार्थियों का मॉक टेस्ट लेने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने इस कोचिंग में सबसे मेधावी 10 विद्यार्थियों की पहचान कर उनकी तैयारियों की सतत् मानिटरिंग करने एवं उन्हें जरूरी सहायता देने के भी निर्देश दिए। कलेक्टर ने स्कूलों में गणवेश वितरण, बच्चों के जाति प्रमाण पत्र बनाने, अपार आईडी बनाने का काम तेज करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत प्रायवेट स्कूलों में विद्यार्थियों के दाखिले की जानकारी ली। उन्होंने निजी विद्यालयों में विद्यार्थियों-पालकों से किताबों और गणवेश आदि पर अतिरिक्त व्यय की शिकायतों को गंभीरता से जांच कर निराकृत करने के निर्देश भी दिए। कलेक्टर ने स्कूलों में दिव्यांग बच्चों की पहचान कर उन्हें विशेष शिक्षा पद्धति से पढ़ाने की व्यवस्था करने को कहा। कलेक्टर ने ऐसे सभी विद्यार्थियों के दिव्यांगता प्रमाण पत्र भी बनवाने के लिए स्कूलों में कैंप लगाने के निर्देश दिए।
हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा