देहरादून, 16 नवम्बर (हि.स.)। ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी में साइबर नेशन एण्ड कम्प्यूटेशन पर अतंरराष्ट्रीय सम्मेलन में शनिवार को डेटा सुरक्षा की तकनीकों पर चर्चा की गई। इस दौरान विशेषज्ञों ने कहा कि डेटा सुरक्षा आने वाले समय में एक बड़ी चुनौती होगी। इसके लिए छात्र-छात्राओं को नए कौशल सीखने व इन क्षेत्रों में शोध करने की आवश्यकता है।
शनिवार को सम्मेलन के आखिरी दिन समापन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि साफ्टवेयर टेक्नोलाॅजी पार्क ऑफ इण्डिया के निदेशक अशोक कुमार ने कहा कि केन्द्र सरकार ने तकनीकी क्षेत्र में कई नये कदम उठाये हैं। इनमें सेमीकंडक्टर मिशन, एआई मिशन, क्वांटम मिशन जैसे अनेकों मिशन शामिल हैं ताकि युवाओं को और बेहतर तरीके से नवाचार से जोड़ा जाये। उन्होंने कहा कि आने वाला समय स्मार्ट टेक्नोलाॅजी व एआई का है। इसके लिए जरूरी है कि छात्र-छात्राओं को इसके बारे में पढ़ाया जाये। उन्होंने छात्र-छात्राओं से इससे जुड़े क्षेत्रों में शोध करने के लिए कहा।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के वैज्ञानिक डॉ. राकेश कुमार भारद्वाज ने छात्र-छात्राओं को टेरा हर्ट्ज के विषय में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि टेरा हर्ट्ज एक नई संचार प्रणाली है। यह टेरा हर्ट्ज फ्रीक्वेंसी पर काम करती है जिसकी मदद से तेज डेटा ट्रांसफर किया जा सकता है। उन्होंने टेरा हर्ट्ज को डिफेन्स व सिक्योरिटी के लिए उपयोगी बताते हुए कहा कि इसको एयरपोर्ट्स में इस्तेमाल कर सकते हैं। इसकी स्कैनिंग पावर समान के अन्दर छुपे हुए किसी भी यंत्र को डिटेक्ट कर सकती है। साथ ही इसका इस्तेमाल किसी भी तरीके के रसायनिक खतरों को पहचानने में भी किया जा सकता है। उन्होंने एंड टू एंड एनक्रिप्टेड पर भी बात की।
पुत्रा यूनिवर्सिटी मलेशिया की डॉ. नूर इजुरा उदजिर ने साइबर सुरक्षा से जुड़ी तकनीकों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आजकल सबसे ज्यादा कुछ महत्वपूर्ण है तो वो है डेटा। इसको बचाने के लिए जरूरी है कि नये एप्लिकेशन्स पर काम किया जाये। उन्होंने बायोमेट्रिक सिक्योरिटी, क्रिप्टोग्राफिक टेकनिक्स पर भी जानकारी दी।
सनशाइन कोस्ट एडिलेड ऑस्ट्रेलिया के डॉ. मनीष गुप्ता ने सोशल मीडिया पर फैल रही फेक फोटो के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंस्टाग्राम, फेसबुक, ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म्स पर आये दिन फेक फोटो आती रहती हैं। इसके लिए जरूरी है कि नई टेक्नोलाॅजी और एआई टूल्स को बढ़ावा दिया जाये, जिसकी मदद से इन्हें पहचाना जा सके।
अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन डिपार्टमेण्ट ऑफ कम्प्यूटर साइंस एण्ड इंजीनियरिंग ने किया। सम्मेलन में कुलपति डॉ. संजय जसोला, डीन (रिसर्च एण्ड डेवलपमेण्ट) डॉ. व्रिन्स विमल, एचओडी डॉ. दिव्यांश बोर्डलोई, संयोजक डॉ. विक्रांत शर्मा व डॉ. सात्विक वत्स, शिक्षक-शिक्षिकाएं और छात्र मौजूद रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार