वक्फ बोर्ड के कथित ट्रस्टियों पर 20 साल से किराया जमा नहीं कराने पर मुकदमा, 5 आरोपित गिरफ्तार
- Admin Admin
- Apr 20, 2025

-करीब 100 करोड़ रुपये की सम्पत्ति के निजी उपयोग का आरोप
अहमदाबाद, 20 अप्रैल (हि.स.)। अहमदाबाद के जमालपुर क्षेत्र के कांच की मस्जिद और शाह बडा कासम ट्रस्ट में कथित ट्रस्टियों ने अवैध निर्माण कर करीब 20 साल तक किराया वसूली की। यह राशि वक्फ बोर्ड में जमा नहीं कराने के आरोप में पुलिस ने सलीम खान समेत 5 आरोपितों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों ने वक्फ बोर्ड और अहमदाबाद म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन (एएमसी) की ओर से दी गई जमीन पर अवैध दुकान और मकान बनाकर लाखों रुपये किराए के तौर पर वसूले। प्राथमिकी के अनुसार पांचों आरोपित वक्फ बोर्ड के ट्रस्टी नहीं होने के बावजूद लोगों से किराया वसूला करते थे।
जानकारी के अनुसार जमालपुर कांच की मस्जिद के पास रहने वाला मोहम्मद रफीक अंसारी ने गायकवाड हवेली स्थित पुलिस थाने में इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज कराई है। प्राथमिकी के अनुसार शिकायतकर्ता मोहम्मद रफीक अंसारी ने बताया कि वह वर्षों से कांच की मस्जिद ट्रस्ट की सम्पत्ति में रहता है। ट्रस्ट के सभी पुराने ट्रस्टियों की मौत हो चुकी है। मस्जिद ट्रस्ट में मस्जिद से सटी जमीन का प्लॉट है। वर्षों पहले इस जमीन को ट्रस्टियों ने एएमसी को सौंपी थी। एएमसी को इस जमीन पर स्कूल बनाना था। वर्ष 2001 में भूकंप के समय स्कूल का भवन जर्जर हो गया था। इसका गलत लाभ लेते हुए वर्ष 2009 में कथित ट्रस्टियों ने स्कूल का भवन तोड़कर वहां दूसरा उर्दू स्कूल नहीं बनाया। इस जगह पर 10 दुकानें बना दी गई। सलीम खान ने सौदागर कंस्ट्रक्शन नाम से ऑफिस खोला और अन्य 9 दुकानों को किराये पर दे दिया। दुकानों से किराए के रूप में जो आवक हुई उसे ना तो ट्रस्ट के अकाउंट में जमा कराया गया और न ही इसे एएमसी के पास जमा कराया गया। सलीम खान ने एएमसी और वक्फ बोर्ड के साथ धोखाधड़ी की।
अहमदाबाद जोन 3 के प्रभारी डीसीपी भरत राठौड़ ने बताया कि आरोपितों ने कुल 100 करोड़ रुपये की सम्पत्ति पर लोगों से किराया वसूला है। किराए पर दिए गए मकानों से प्रति मकान 5 से 7 हजार रुपये और 10 दुकानों से प्रति दुकान 10 हजार किराया वसूला जाता था। आरोपितों ने वर्ष 2005 से ट्रस्ट का किराया वसूलते हुए अपने निजी कार्य में उपयोग किया। मामले में 5 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। वक्फ बोर्ड में सलीम खान, महबूब खान समेत अन्य लोग ट्रस्टी नहीं थे, इसके बावजूद वे ट्रस्ट की सम्पत्ति से अवैध रूप से किराया वसूला करते थे। इन कथित ट्रस्टियों ने वर्ष 2005 से ट्रस्ट की सम्पत्ति के 25 से 30 दुकान, 200 मकान और दो अवैध 6 मंजिला अपार्टमेंट भी बनाए थे। इन सभी का वे खुद के लिए उपयोग करते थे।
आरोप के अनुसार शाह बडा कासिम ट्रस्ट की एक दानपेटी भी है, इसमें हर महीने 50 हजार रुपये आवक होती है। यह आवक भी कथित ट्रस्टी ले लेते थे। जानकारी के अनुसार मुख्य आरोपित सलीम खान के विरुद्ध पहले से हत्या समेत अन्य आपराधिक मामले दर्ज हैं। आरोपित ने 23 जुलाई, 2024 को गलत शपथपत्र से ट्रस्ट्री होने की जानकारी बोर्ड में पेश की थी। सलीम के अलावा मोहम्मद यासर शेख, मेहमूद खान पठाण, फैज मोहम्मद जोबदार, शाहीद अहेमद शेख के नाम भी आरोपितों में शामिल हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद पाण्डेय