जम्मू में 12 फरवरी बुधवार को मनाई जाएगी फाल्गुन संक्रांति
- Neha Gupta
- Feb 11, 2025
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जम्मू, 11 फ़रवरी । फाल्गुन संक्रांति के दिन सूर्य देव मकर राशि को छोड़ कुम्भ राशि में प्रवेश करते है इसी वजह से इस संक्रांति को कुम्भ संक्रांति भी कहते हैं। फाल्गुन संक्रांति के विषय में श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के *अध्यक्ष (ज्योतिषाचार्य) महंत रोहित शास्त्री* ने बताया इस वर्ष सन् 2025 ई. फाल्गुन सक्रांति का पर्व इस वर्ष 12 फरवरी बुधवार को मनाया जाएगा। बुधवार 12 फरवरी को रात्रि 09 बजकर 56 मिनट पर सूर्य देव कुम्भ राशि में प्रवेश करेंगे। फाल्गुन संक्रांति का पुण्य काल मध्याह्न 03: 32 के बाद शुरू होगा।
यह संक्रांति वृष, मिथुन, कर्क ,तुला,वृश्चिक,धनु , मकर एवं कुंभ राशि वालों के लिए लाभदायक सिद्ध होगी। कुछ बड़ी जानी मानी हस्तियां अचानक रोगों से पीड़ित होगी एवं अचानक मृत्यु भी हो सकती है,भूकंप होगा, केन्द्र सरकार देश हित में कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं, चोरों, दुष्टों, धोखेबाज और राजनेताओं के लिए यह संक्रांति लिए सुखकारी होगी। राज्य परिवर्तन, सांप्रदायिक हिंसक घटना को सकती है।
इस दिन किसी भी प्रकार की तामसिक वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन शराब आदि नशे से भी दूर रहना चाहिए। इसके शरीर पर ही नहीं, आपके भविष्य पर भी दुष्परिणाम हो सकते हैं।संक्रांति के दिन सात्विक चीजों का सेवन किया जाता है और भगवान को भी इन्हीं चीजों का भोग लगाया जाता है । महंत रोहित शास्त्री के अनुसार इस दिन शराब और मांस आदि का सेवन न करें। व्रत के दौरान दाढ़ी, मूंछ, बाल और नाखून न काटें। व्रत करने वालों को पूजा के दौरान बेल्ट, चप्पल, जूते या फिर चमड़े की बनी चीजें नहीं पहननी चाहिए। काले रंग के कपड़े पहनने से बचना चाहिए। किसी को दुख न दें। गलत काम करने से बचें। इस दिन सत्यनारायण जी,सूर्य देव और अपने इष्टदेव की पूजा का विधान है । इस दिन जप, तप, दान, स्नान, श्राद्ध, तर्पण आदि धार्मिक क्रियाकलापों का विशेष महत्व है, इस अवसर पर दिया गया दान सौ गुना बढ़कर पुन: प्राप्त होता है।
इस संक्रांति में दान का बड़ा महत्व है। इस दिन शुद्ध घी, तिल, सरसों के तेल, फल एवं कंबल दान करने से मोक्ष प्राप्ति होती है। अगर किसी कारण गंगा आदि पवित्र नदियों में स्नान नहीं कर पाते हैं तो घर पर ही पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें। शास्त्रों के अनुसार फाल्गुन संक्रांति पापों मुक्ति दिलाती है।