फरीदाबाद के गांव में जमीन की चकबंदी पर रोक, हाईकोर्ट में 24 को सुनवाई

फरीदाबाद, 23 जनवरी (भाषा)। फरीदाबाद में बाबा रामदेव के एकड़ जमीन खरीदने को लेकर बवाल मचा हुआ है। गुरुवार काे ग्रामीणों की याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए गांव की जमीन की चकबंदी पर रोक लगा दी है। ग्रामीणों का आरोप है कि सरकार बाबा रामदेव को फायदा पहुंचा रहा है। मामला कोट गांव की 538 एकड़ जमीन का है।

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने 20 जनवरी को हरियाणा सरकार द्वारा गांव कोट में कराई जा रही चकबंदी को रोकने का आदेश दिया और सीबीआई को नोटिस दिया है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 24 जनवरी को होनी है। लोगों ने कहा कि टुकड़ो में की जाने वाली चकबंदी से उनको कोई फायदा नही है। पूरे गांव की जमीन की एक साथ चकबंदी हो तो उनको इसका लाभ मिलेगा। कोट गांव के पास कुल 3 हजार 100 एकड़ जमीन है। जिसमें से 2 हजार 700 एकड़ में पहाड़ है। पहाड़ जमीन गैर मुमकिन है, जिसे खरीदा-बेचा नहीं जा सकता। 200 एकड़ जमीन गांव में रहने वाले मालिकों के पास है। इसके अलावा केवल 191 एकड़ खेती योग्य जमीन पूरे गांव के पास है। इसमें से सौ एकड़ जमीन पतजंलि के पास है। सूत्र बताते है कि गांव कोट में बाबा रामदेव ने ट्रस्ट पतंजलि के नाम से 538 एकड़ जमीन खरीद रखी है। कोट गांव के साथ मांगर, बंधवाड़ी इलाके में बाबा ने करीब 1000 एकड़ जमीन खरीदी थी।

वर्ष 2011 के बाद ये जमीन खरीद गई थी। इस जमीन पर पतंजलि पीठ एक बड़ा शैक्षणिक संस्थान या फिर स्वास्थ्य सेवा सुविधा केंद्र बनाना चाहता था। इस जमीन को अलग-अलग कंपनियों के नाम और अलग-अलग मालिकों द्वारा खरीदा गया। ग्रामीणों ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि अधिकारियों के द्वारा बाबा रामदेव को फायदा पहुंचाने के लिए टुकड़ो में चकबंदी की जा रही थी। क्योंकि बाबा की यह जमीन अलग अलग जह टुकडों में है। जिसकी कीमत भी अलग-अलग है। बाबा इस जमीन को एक साथ करना चाहता है। जिसके लिए हरियाणा सरकार खुद अधिकारियों के साथ मिलकर यहां टुकड़ों में चकबंदी करा रही थी। सूत्रों के मुताबिक, गांव कोट में 538 एकड़ जमीन को अलग-अलग लोगों के नाम से खरीदा गया। लेकिन सभी का पता एक ही निकला। जिसके बाद से ग्रामीणों में रोष है और उन्होंने प्रशासन पर आरोप लगाए। साल 2024 में गांव के ब्रह्म सिंह सहित कुछ अन्य ग्रामीणों ने इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की। जिसके बाद मामले की सुनवाई शुरू हुई। इस मामले की सुनवाई अब 24 जनवरी को होगी। अब सभी ग्रामीणों की नजर कोर्ट के फैसले पर है। ग्रामीण चाहते हैं कि सारी जमीन की एक साथ चकबंदी की जाए। ताकि को कोई नुकसान ना हो।

हिन्दुस्थान समाचार / -मनोज तोमर

   

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