नीलगाय के कारण किसान खेती छोड़ रोजगार के लिए पलायन करने को विवश : नरेश प्रसाद
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- Mar 20, 2025

नीलगाय स्वतंत्र जंगली जानवर है, फसल की क्षतिपूर्ति की जाएगी : मंत्री सुदिव्य सोनूबिहार से अब तक परिसंपत्तियों का बंटवारा नहीं : अरूप
रांची, 20 मार्च(हि.स.)। झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के 14वें दिन गुरुवार को विधायक नरेश प्रसाद सिंह ने ध्यानाकर्षण के जरिए कहा कि विश्रामपुर सहित पूरे गढ़वा और पलामू जिले में नीलगाय के जरिये फसल बर्बाद किये जाने से किसान काफी परेशान है। किसानों की ओर से कर्ज लेकर बड़े पैमाने पर खेती की जाती है, जिसे नीलगाय के जरिये बर्बाद किये जाने से समय पर किसान कर्ज नहीं चुका पाने की स्थिति में खेती छोड़ रोजगार के लिए पलायन करने पर विवश हैं।
उन्हाेंने बताया कि कुछ किसान कर्ज नहीं चुका पाने के चलते आत्महत्या तक कर ले रहे हैं। किसानों के जरिये मुआवजा के लिए विभाग में आवेदन देने के बावजूद सही तरीके से जांच नहीं होने की स्थिति में उन्हें उचित मुआवजा नहीं मिल पाता है। इस पर मंत्री सुदिव्य सोनू ने कहा कि नीलगाय स्वतंत्र जंगली जानवर है। फसल की क्षतिपूर्ति की जाएगी।
बिहार से अब तक परिसंपत्तियों का बंटवारा नहीं : अरूप
विधायक अरूप चटर्जी ने कहा कि राज्य विभाजन के बाद अब तक बीएसआइडीसी के अधीन झारखंड राज्य के छोटे-बड़े लगभग 17 उद्योगों की परिसंपत्तियां हैं, जिसका बंटवारा बिहार सरकार से नहीं हो पाया है। इसी क्रम में धनबाद जिला अन्तर्गत कुमारधुबी अवस्थित केएमसीइएल कारखाना का नीलामी पूरी परिसंपत्तियों के साथ उच्च न्यायालय झारखंड द्वारा कर दिया गया है। लेकिन नीलामी लेने वाली कंपनी की ओर से केएमसीइएल के सभी चल संपत्ति को लेकर चला गया, और अचल संपत्ति (165 एकड़ भूमि) को विवादस्पद बताकर छोड़ दिया गया। इस नीलामी प्रक्रिया में अबतक हाईकोर्ट में नीलामी राशि के रूप में अबतक 26 करोड़ रूपया जमा है, परन्तु यहां के मजदूरों का बकाया मजदूरी और बैंक का बकाया ऋण नहीं किया गया है। केएमसीइएल के उक्त सरकारी भूखंड को अपने स्वामित्व में लेकर मजदूरों और बैंक ऋण के बकाए राशि का भुगतान कराते हुए इस भू-खण्ड को जियाडा में हस्तांतरित करते हुए नए उद्योगों स्थापित किए जाए।
इस पर मंत्री संजय प्रसाद सिंह यादव ने कहा कि इस मामले का बहुत जल्द निष्पादन कर लिया जाएगा। 17 साल भाजपा का शासन रहा, पर ध्यान नहीं दिया। इसके लिए स्पेशल वकील डिप्यूट किया गया है।
सदन में एकुरेट प्रश्न हो : स्पीकर
विधायक हेमलाल मुर्मू ने कहा कि टू द प्वाइंट प्रश्न नहीं होने से एक-दो प्रश्न ही हो रहा है। विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्र महतो ने कहा कि मैं आपकी बात से सहमत हूं। एकुरेट प्रश्न हो। सारे सवालों का मान समान है। इस पर विधायक सीपी सिंह ने कहा कि सदन कार्य संचालन नियमावली से चलता है। अल्पसूचित प्रश्न 20 मिनट का और 40 मिनट तारंकित में। समय नहीं मिल पा रहा है। तारंकित प्रश्न को समाप्त कर दिया जाए। इस पर स्पीकर ने कहा कि कभी सदन के सदस्यों की भावना के अनुकूल भी निर्णय लेना पड़ा है।
विधायक पूर्णिमा साहू ने कहा कि महिलाओं को शून्यकाल में आरक्षण दिया जाए। साथ ही कहा कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की ओर से ली गई महिला पर्यवेक्षक परीक्षा का रिजल्ट 18 महीने बाद भी जारी नहीं हुआ है।
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हिन्दुस्थान समाचार / विकाश कुमार पांडे