शिमला में किसानों का प्रदर्शन, मुख्यमंत्री को सौंपा 21 सूत्रीय मांगपत्र
- Admin Admin
- Mar 20, 2025

शिमला, 20 मार्च (हि.स.)। हिमाचल किसान सभा और सेब उत्पादक संघ के नेतृत्व में किसानों और बागवानों ने सोमवार को विधानसभा के बाहर चौड़ा मैदान में प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी किसानों ने पंचायत घर से विधानसभा चौड़ा मैदान तक मार्च निकाला और प्रदेश में विभिन्न कानूनों के तहत बेदखली तथा कृषि भूमि के नियमितीकरण से जुड़े मुद्दों पर नारेबाजी की। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू स्वयं धरना स्थल पर पहुंचे और किसानों की मांगों को सुना। इस दौरान किसानों ने उन्हें 21 सूत्रीय मांगपत्र भी सौंपा। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि किसानों और बागवानों के हित सरकार की प्राथमिकता हैं और इन मुद्दों पर जल्द ही बैठक बुलाई जाएगी।
भूमि नियमितीकरण और बेदखली के मुद्दे पर उठी किसानों की आवाज
हिमाचल किसान सभा के अध्यक्ष कुलदीप तंवर ने कहा कि किसानों और बागवानों के लिए भूमि से जुड़े कई कानून गंभीर समस्या बन चुके हैं। उन्होंने बताया कि शामलात भूमि, खुदरा-ओ-दरखतान, मलकियत सरकार, चकोतेदार, नौतोड़ भूमि के नियमितीकरण और जनजातीय क्षेत्रों में वन अधिकार कानून को सही ढंग से लागू करने की मांग को लेकर यह प्रदर्शन किया गया।
तंवर ने बताया कि 1952 की अधिसूचना, 1980 का वन संरक्षण कानून, 1988 की राष्ट्रीय वन नीति और 1996 में सुप्रीम कोर्ट के टीएन गोदावर्मन केस में दिए गए आदेशों के कारण हिमाचल के किसानों और बागवानों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा, 2006 का वन अधिकार कानून भी इस समस्या को और अधिक जटिल बना रहा है।
सरकार किसानों को उजड़ने नहीं देगी: मुख्यमंत्री
वहीं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि किसान बागवानो के हित सरकार की प्राथमिकता है। विभिन्न भूमि संबंधी मसलों पर सरकार कानूनी पहलुओं को खंगालेंगी। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में टीएन गोदावर्मन मामले में भी प्रदेश सरकार को पार्टी बनाया जाएगा और इस मामले के लिए बड़े से बड़े वकीलों द्वारा पैरवी की जाएगी। उन्होंने कहा की किसानो बागवानों के इन मसलों पर जल्द ही वे बैठक बुलाएंगे ताकि सभी पहलुओं पर विचार किया जा सके।
उन्होंने कहा कि इन मामलों में कानूनी अड़चने न होती तो प्रदेश सरकार इस कार्य को जल्द पूरा कर देती। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि किसानो बागवानों को सरकार उजड़ने नहीं देगी। उन्होंने बताया कि राजस्व मंत्री जगत नेगी स्वयं ऐसे मामलों में कानूनी पहलुओं को खंगालेंगे। सरकार के प्रयास रहेगे की किसी तरह मामलों को सेटल किया जाए।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा