आधार नंबर की तरह किसानों को मिलेंगे यूनिक पहचान नंबर

धमतरी, 28 फ़रवरी (हि.स.)। जिले में छोटे-बड़े मिलाकर डेढ़ लाख किसान खेती-किसानी से जुड़े हुए है। इन किसानों का पहले से आधार नंबर बना हुआ है। अब आधार नंबर की तरह ही किसानों का यूनिक पहचान नंबर भी बनेगा, जिससे उन्हें शासकीय योजनाओं के लाभ लेने के लिए आसानी होगी। यूनिक पहचान नंबर बनाने के लिए किसान सहकारी समिति और च्वाइस सेंटरों में आवेदन कर सकते हैं, इसके लिए प्रकि्रया जल्द ही शुरू हो जाएगी।

जिले के सभी कृषि भूमिधारक किसानों को आधार नंबर की तरह ही यूनिक पहचान नंबर मिलेंगे। केन्द्र सरकार की एग्री स्टैक परियोजना के तहत किसानों को यूनिक नंबर देने के लिए जिला प्रशासन द्वारा तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। किसानों को यूनिक पहचान नंबर मिल जाने से खेती-किसानी के लिए चलाई जा रही शासकीय योजनाओं का लाभ लेने में बड़ी आसानी होगी। किसान ऐसे नंबर लेने के लिए अपने नजदीक के प्राथमिक सहकारी समिति या जिले के किसी भी च्वाईस सेंटर या लोक सेवा केन्द्र पर संपर्क कर सकते हैं। किसानों को यूनिक पहचान नंबर प्राप्त करने के लिए अपनी कृषि भूमि के दस्तावेज जैसे-ऋण पुस्तिका, बी-वन के साथ आधार कार्ड की प्रति और आधार कार्ड से सम्बद्ध मोबाईल नंबर बताना होगा।

कलेक्टर नम्रता गांधी ने जिले के सभी किसानों से अपील की है कि वे अपनी यूनिक पहचान के लिए जल्द से जल्द लोकसेवा केन्द्र जाकर या नजदीकी सहकारी समिति में संबंधित पोर्टल पर जानकारी दर्ज कराकर पंजीयन करा लें और यूनिक पहचान मिलने के बाद प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना सहित खेती-किसानी के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का आसानी से फायदा लें। जिला प्रशासन ने किसानों को यूनिक पहचान नंबर देने के लिए जरूरी तैयारियां पूरी कर ली हैं। जनपद पंचायत धमतरी में इस संबंध में अपर कलेक्टर इंदिरा देवहारी ने तैयारियों की समीक्षा की। जिले में राजस्व, कृषि और सहकारिता विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को समूह बनाकर इस काम को तेजी से पूरा करने का दायित्व सौंपा गया है। लोकसेवा केन्द्रों के संचालकों को ग्राम पंचायतों और नगरीय क्षेत्रों में शिविर लगाकर भूमि की पहचान और किसान की पहचान एग्री स्टैक-पोर्टल पर दर्ज करने के लिए अधिकृत किया गया है। किसानों द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर लोकसेवा केन्द्रों में संबंधित जानकारी पोर्टल पर आनलाईन दर्ज की जाएगी। दर्ज जानकारी का सत्यापन राजस्व विभाग के सक्षम अधिकारी द्वारा किया जाएगा। इसके बाद किसानों को यूनिक पहचान नंबर जारी किया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा

   

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