हिसार : युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने में अह्म भूमिका निभा रहा एचएयू का एबिक : प्रो. बीआर कम्बोज

मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने की हिसार व अंबाला के स्टार्टअप्स

की सराहना

हिसार, 21 फरवरी (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते रविवार काे मन की बात कार्यक्रम

में स्टार्टअप्स का जिक्र करते हुए हिसार और अंबाला जैसे शहरों में कार्यरत स्टार्टअप्स

की सराहना की है। यह प्रदेश के लिए गर्व की बात है। हमारे युवा आज केवल नौकरी के ही

पीछे नहीं भाग रहे बल्कि वे खुद का व्यवसाय करने में भी रूचि दिखा रहे हैं। प्रधानमंत्री

ने मन की बात में कहा कि हमारा स्टार्टअप कल्चर अब बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं है।

बल्कि अब इस क्षेत्र में महिलाएं भी स्टार्टअप शुरू करने के लिए आगे आ रही हैं। छोटे

शहरों में आधे से ज्यादा का नेतृत्व महिलाएं कर रही हैं।

यहां के हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में स्थापित एग्री-बिजनेस इंक्यूबेशन सेंटर विद्यार्थियों,

उद्यमियों, किसानों तथा महिलाओं को बिजनेस आइडिया पर स्टार्टअप के लिए 4 से 25 लाख

रुपए तक की अनुदान राशि प्रदान करता है। एबिक सेंटर वर्ष 2019 में आरंभ हुआ था और अब

तक 250 इंक्यूबेटस को प्रशिक्षण व सहयोग दिया जा चुका है। भारत सरकार द्वारा एबिक के

माध्यम से 65 बेस्ट इंक्यूबेटस को स्टार्टअप करने के लिए 8 करोड़ रुपये से अधिक की

ग्रांट दे चुका है। इन सभी स्टार्टअप्स का अब 20 करोड़ रुपये का टर्नओवर है और करीब

1600 लोगों को वो रोजगार मुहैया करवा रहे हैं।

विश्वविद्यालय के एग्री बिजनेस इंक्यूबेशन सेंटर का मकसद युवाओं को उद्यमिता

की तरफ आकर्षित करना है। इससे जुडक़र युवा अपना व्यवसाय शुरू कर रहे हैं और अन्य लोगों

को भी रोजगार प्रदान कर सकते हैं। इस सेंटर के माध्यम से प्रशिक्षण एवं अनुदान प्राप्त

करके युवाओं ने ना केवल स्वयं का रोजगार स्थापित किया है बल्कि अनेक बेरोजगारों को

रोजगार भी उपलब्ध करवाया है।

हिसार जिले के स्टार्टअप्स

सातरोड़ गांव निवासी राजेन्द्र कुमार एबिक से प्रशिक्षण व 25 लाख की सहायता

राशि लेकर विनोइंग मशीन बनाई है जिससे किसान अपना अनाज (धान, गेहूं, सरसों, बाजरा)

इत्यादि को इस मशीन के माध्यम से बिल्कुल साफ कर सकता है। अभी तक राजेन्द्र 200 मशीन

बनाकर बेच चुके हैं। इनकी कंपनी में 15 लोग कार्यरत है व कंपनी का टर्नओवर दो करोड़

से अधिक है।

प्रवीण ने एबिक से प्रशिक्षण व पांच लाख की सहायता राशि लेकर ऐरोफोनिक तकनीक

से लैब में केसर की खेती कर रहे हैं। इन्होंने सैकड़ों किसानों को प्रशिक्षण देकर इस

तकनीक से अवगत कराया है। इनकी कंपनी का टर्नओवर 50 लाख है व 10 लोगों को रोजगार दिया

है।

महिला उद्यमी दीपिका एबिक एचएयू से प्रशिक्षण व 5 लाख की ग्रांट लेकर मोटे

अनाज चुकंदर, फल एवं सब्जियां, ऑयल सीड्स व ड्राइफ्रूटस के मिश्रण से खिलाडिय़ों के

लिए बिस्कुट व लड्डू बना रही हैं। इनकी कंपनी का टर्नओवर 20 लाख रूपए है व चार लोग

कार्यरत हैं।

सुनील ने एबिक से प्रशिक्षण व 10 लाख की ग्रांट लेकर मोबाइल मोटर स्टार्टर

प्रोडक्ट तैयार किया है जिसकी मदद से किसान कहीं भी बैठकर अपने मोबाइल से खेत की मोटर

को बंद व चालू कर सकता है। इनकी कंपनी की टर्नओवर तीन करोड़ से भी अधिक हो चुकी है।

साथ ही ये 30 लोगों को रोजगार मुहैया करवा रहे हैं।

सातरोड़ गांव निवासी नरेश कुमार ने एबिक से प्रशिक्षण व पांच लाख की सहायता

राशि लेकर गाय के गोबर, मलमूत्र व पंचगव्य से धूप, हवन समिधा, हेंडवॉश, हेयरवॉश इत्यादि

प्रोडक्ट बना रहे हैं। इनकी कंपनी में सात लोग कार्यरत है व कंपनी का टर्नओवर 30 लाख

से अधिक है।

रविन शर्मा ने एबिक से प्रशिक्षण व 18 लाख की सहायता राशि लेकर कीड़ाजड़ी मशरूम

(कोर्डिसेप्स मिलिटेरिस) से अपनी लैब में उत्पादन कर रहे हैं। फिर इसे प्रोसेस करके

पाउडर, कैप्सूल व अक्र बना रहे हैं जिसके सेवन से हमारे देश के खिलाडिय़ों को बहुत फायदा

हो रहा है। इनकी कंपनी का टर्नओवर 50 लाख से अधिक है व छह लोग कार्यरत है।

अंबाला जिले के स्टार्टअप्स

विपेन सरीन ने एबिक से प्रशिक्षण व पांच लाख की ग्रांट लेकर गन्ने के मूल्य

संर्वधन प्रोडक्ट (गन्ना चुस्की, गन्ना जलेबी, गन्ना चाय व गुड़ इमली की चटनी)बना रहे

हैं और किसानों को भी प्रशिक्षण दे रहे हैं।

विशाल ने एबिक से प्रशिक्षण व पांच लाख की ग्रांट लेकर एक ऐसी डिवाइस तैयार

की है जिससे किसान मिट्टी की नमी, मिट्टी में मौजूद पोटैशियम, मैग्नीशियम व अन्य पोषक

तत्वों के बारे में जान सकते हैं।

एबिक सेंटर से प्रशिक्षण व वित्तीय सहायता लेकर युवा रोजगार खोजने की बजाय

रोजगार देने वाले बन सकते हैं। युवाओं के लिए कृषि क्षेत्र में अपना व्यवसाय स्थापित

करने का एक सुनहारा अवसर है। इस सेंटर के माध्यम से स्टार्टअप्स देश को आत्मनिर्भर

बनने की दिशा में अहम भूमिका निभाएंगे। भारत सरकार ने महिलाओं को उद्यमी बनाने के लिए

10 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान राशि देने का प्रावधान रखा है। इसके साथ ही युवा, किसान

व उद्यमी एबिक सेंटर के माध्यम से कृषि के क्षेत्र में प्रोसेसिंग, मूल्य संवर्धन,

सर्विसिंग, पैकजिंग व ब्रांडिग करके व्यापार की अपार संभावनाएं तलाश सकते हैं। एबिक

स्टार्टअप्स की नवीनतम तकनीक को पेटेंट स्र्टीफिकेशन, लाइसेंस एवं फंडिंग करवाने में

अह्म भूमिका निभाता है।इस सेंटर से अब तक

जुड़े युवा उद्यमी व किसानों ने न केवल अपनी कंपनी का टर्न ओवर करोड़ो रूपए तक पहुंचाया

है अपितु उन्होंने दूसरे लोगो को रोजगार भी प्रदान किया है।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर

   

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