काशी तमिल संगमम 3 में भाग लेने के लिए तमिलनाडु से पहला जत्था काशी पहुंचा

बस से जाते मेहमानमेहमानों का स्वागत करते भाजपा नेता

—बनारस स्टेशन पर खुद जिलाधिकारी के साथ अफसरों और भाजपा के जनप्रतिनिधियों ने वणक्कम कहकर अगवानी की

वाराणसी,15 फरवरी (हि.स.)। काशी तमिल संगमम-3 में शामिल होने के लिए तमिल मेहमानों का पहला जत्था शनिवार को वाराणसी पहुंच गया है। पहले जत्थे में शामिल शिक्षकों,लेखकों और छात्रों का बनारस रेलवे स्टेशन पर बिछे रेड कारपेट पर वणक्कम कहकर स्वागत किया गया। स्टेशन पर मेहमानों को फूलों की माला पहना कर लग्जरी बसों से होटल पहुंचाया गया।

मेहमानों के पहले जत्थे के स्वागत के लिए जिलाधिकारी एस राजलिंगम के अगुवाई में प्रशासनिक अफसर,आईआरसीटी के अफसर,भाजपा काशी क्षेत्र के अध्यक्ष दिलीप पटेल,भाजपा एमएलसी धर्मेन्द्र राय व अन्य विशिष्ट जन मौजूद रहे। शहर में आये मेहमान होटल में कुछ देर विश्राम और नाश्ता के बाद श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन करेंगे। काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन के बाद मां विशालाक्षी एवं अन्नपूर्णा मंदिर में भी दर्शन पूजन करेंगे। इसके बाद दल गंगा के रास्ते नमोघाट के लिए प्रस्थान कर जाएगा।

काशी तमिल संगमम के इस तीसरे संस्करण का अपरान्ह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ,केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान नमो घाट पर शुभारंभ करेंगे।

बताते चलें कि संगमम की थीम इस बार ऋषि अगस्त्य और महाकुंभ 2025 है। नमोघाट पर काशी और तमिल के कुल 75 स्टॉल लगाए गए है। इसमें ऋषि अगस्त्य की चिकित्सा पद्धति सिद्धा के भी चार स्टॉल लगाए गए है। काशी तमिल संगमम 3 में 06 जत्थों में 200—200 की संख्या में 1200 मेहमानों को काशी आना है। दक्षिण भारत से काशी आने वाले मेहमानों को तमिल महाकवि सुब्रह्मण्य भारती के हनुमानघाट स्थित घर और म्यूजियम का दीदार कराया जाएगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य सांस्कृतिक रूप से दो राज्यों में जुड़ाव पैदा करना है।

धर्मेन्द्र प्रधान ने सोशल मीडिया के जरिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जताया आभार

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने अपने अधिकृत सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट कर काशी तमिल संगमम 3 के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताया है। उन्होंने लिखा है- काशी तमिल संगमम विविधता में हमारी एकता को प्रदर्शित करने और ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत करने में एक प्रकाश स्तंभ के रूप में उभर रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संदेश को भी साझा किया है। उन्होंने लिखा है काशी तमिल संगमम हमारे सदियों पुराने संबंधों का एक जीवंत उत्सव है। इस प्रेरक संदेश के लिए पीएम मोदी का आभार। मुझे विश्वास है कि इसका तीसरा संस्करण

जीवन भर याद रखा जाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

   

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