पहले चिता पर जिंदा हुआ, फिर हॉस्पिटल में मौत, लापरवाही के आरोप में तीन डॉक्टर्स सस्पेंड

झुंझुनू, 22 नवंबर (हि.स.)। श्मशान घाट में चिता पर लेटा व्यक्ति जिंदा हो गया। हालांकि, 12 घंटे बाद जयपुर में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। वहीं, जिंदा युवक को मृत बताकर माेर्चरी फिर श्मशान भेजने वाले तीन डॉक्टर्स को जिला कलेक्टर ने सस्पेंड कर दिया है।

दरअसल, झुंझुनूं जिले के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल भगवान दास खेतान में गुरुवार दोपहर को एक मूक बधिर युवक को इलाज के लिए लाया गया था, लेकिन डॉक्टर्स ने उसे कुछ मिनटों में मृत घोषित कर दिया। इसके बाद युवक को माेर्चरी के डीप फ्रीजर में दो घंटे तक रखा गया। शाम करीब पांच बजे जब उसका अंतिम संस्कार किया जा रहा था तो अचानक उसकी बॉडी में मूवमेंट हुआ और सांस चलने लगी। इसके बाद उसे पहले बीडीके और बाद में जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल ले जाया गया। जानकारी के अनुसार, झुंझुनूं जिले के मां सेवा संस्थान के बगड़ स्थित आश्रय गृह में रहने वाले रोहिताश (25) की गुरुवार दोपहर को तबीयत बिगड़ गई थी। रोहिताश अनाथ था। ऐसे में वो पिछले काफी समय से यहीं पर रह रहा था। उसे बीडीके अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था। हॉस्पिटल के डॉक्टर्स ने गुरुवार दोपहर दाे बजे मृत घोषित किया था।

इसके बाद उसकी बॉडी काे माेर्चरी में रखवाया गया। इसके बाद पुलिस को बुलाकर पंचनामा बनाया गया और शव को एंबुलेंस की मदद से श्मशान घाट ले जाया गया था। यहां रोहिताश की बॉडी को चिता पर रखा तो उसकी सांस चलने लगी और शरीर हिलने लगा। यह देखकर वहां मौजूद सभी लोग डर गए। इसके बाद तुरंत एंबुलेंस बुलाकर रोहिताश को अस्पताल ले गए। सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि राजकीय भगवान दास खेतान हॉस्पिटल में रोहिताश का पोस्टमार्टम हुआ कि नहीं। अगर पोस्टमार्टम हुआ है तो वह जिंदा कैसे हो गया था। अगर पोस्टमार्टम नहीं हुआ तो रिपोर्ट कैसे बना दी गई। बीडीके अस्पताल में जिंदा आदमी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट मेडिकल ज्यूरिस्ट डॉ. नवनीत ने बनाई थी।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट नंबर 223 के पहले पेज पर 1.50 मिनट पर मौत होना बताया गया है। वहीं अंतिम कॉलम में रिमार्क ऑफ मेडिकल ऑफिसर में डॉक्टर की ओपिनियन लिखी हुई है। इसमें फेफडे फेल होना तथा सीओपीडी या टीबी की बीमारी से मौत होना बताया गया है। रिपोर्ट पर डॉ. नवनीत के हस्ताक्षर हैं व उसके नीचे मेडिकल ज्यूरिस्ट की सील भी लगी हुई है। जिला कलेक्टर रामअवतार मीणा ने बताया कि देर रात ही जिला कलेक्टर ने जिंदा युवक को मृत बताने वाले डॉ योगेश जाखड़, डॉ नवनीत मील और पीएमओ डॉ संदीप पचार को सस्पेंड कर दिया। निलंबन के दौरान संदीप पचार को मुख्यालय जैसलमेर सीएमएचओ रहेगा। वहीं, डॉ योगेश जाखड़ का मुख्यालय सीएमएचओ बाड़मेर व डॉ नवनीत मील का मुख्यालय सीएचएचओ जालोर रहेगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित

   

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