गढ़वाल विवि करेगा अलकनन्दा हाइड्रोपावर कम्पनीं द्वारा निर्मित फिश हैचरी का संचालन
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- Nov 17, 2025
पौड़ी गढ़वाल, 17 नवंबर (हि.स.)। अलकनन्दा हाइड्रोपावर कम्पनीं द्वारा निर्मित फिश हैचरी का संचालन अब गढ़वाल विश्वविद्यालय का जंतु विज्ञान विभाग करेगा। अलकनन्दा हाइड्रोपावर कम्पनीं ने फिश हैचरी को गढ़वाल विवि को हस्तांतरण कर दिया है। फिशहैचरी में महासीर मछली (टॉर प्यूटिटोरा) का पालन किया जा रहा है, जो कि उत्तराखण्ड की राज्य मछली का दर्जा प्राप्त है। आईयूसीएन ने भी इस मछली को विश्व स्तर पर एक संकटाग्रस्त प्रजाति घोषित किया है।
यह मछली मैदानी इलाकों की नदियों एवं जलधाराओं से पहाडों की जलधाराओं में प्रजनन हेतु हर वर्ष आती है। पहाड़ी क्षेत्र की नदियों में इस प्रजाति की संख्या को बढ़ाने के लिए गढ़वाल विवि का जन्तु विज्ञान विभाग शोध कार्य कर रहा है। अलकनन्दा हाइड्रोपावर कम्पनी ने वर्ष 2015 में फिश हैचरी का निर्माण कराया गया था एव इसका रखरखाव भी कम्पनी के सहयोग से किया जा रहा था।
सोमवार को गढ़वाल विवि के चौरास स्थित जंतु विज्ञान विभाग में आयोजित बैठक में अलकनन्दा हाइड्रोपावर कम्पनी द्वारा निर्मित फिश हैचरी को जन्तु विज्ञान विभाग को हस्तान्तरित किया गया। अब इसका प्रबंधन विश्वविद्यालय द्वारा ही किया जायेगा। बैठक में अलकनन्दा हाइड्रोपावर कम्पनी की ओर से कम्पनी के महाप्रबंधक (मानव संसाधन) अरुण कुमार सिंह, जंतु विज्ञान विभाग के (प्रभारी) विभागाध्यक्ष प्रो. मन्जु प्रकाश गुसाई, प्रो. ओम प्रकाश गुसाईं, प्रो. दीपक सिंह, संयोजक फिश हैचरी प्रो. आरएस फर्त्याल, विजयानन्द बहुगुणा, डॉ. आनन्द कुमार, डॉ. जीतेन्द्र सिंह राणा, अजय भूषण आदि मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / कर्ण सिंह



