हमेशा से भाता है विदेशी पर्यटक पक्षियों को ठाणे खाड़ी तट

मुंबई,15 अप्रैल ( हि.स.) । ठाणे में खाड़ी क्षेत्र पर अतिक्रमण करके जैव विविधता को नष्ट किया जा रहा है, वहीं ठाणे के पूर्वी क्षेत्र में खाड़ी( क्रीक ) क्षेत्र खुलकर सांस ले रहा है। यहां विभिन्न प्रकार के पक्षी देखे जा सकते हैं, तथा हजारों किलोमीटर की यात्रा करके आया स्पॉटेड रेडशैंक पक्षी प्रेमियों के लिए एक आनन्ददायक पक्षी है।ठाणे शहर की खाड़ी तटरेखा 27 किलोमीटर लम्बी है तथा खाड़ी के मैंग्रोव वनों( समुद्री घांस) और आर्द्रभूमियों में प्रचुर मात्रा में जैव विविधता देखी जा सकती है। हालाँकि, खाड़ी में अतिक्रमण वन्यजीवों के लिए खतरा है। एक ओर, पर्यावरण का ह्रास हो रहा है। ठाणे के पूर्वी भाग में पर्यावरण के लिए एक सुखद अद्भुत घटना घटी है। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी प्रवास के मौसम के दौरान विभिन्न विदेशी पर्यटक खाड़ी क्षेत्र में ठहरते हैं। पक्षी विज्ञानी वीरेंद्र घरात ने बताया कि इस वर्ष का विशेष अतिथि चित्तीदार तिलवा है, जो एक आर्द्रभूमि पक्षी है और मिठगर क्षेत्र में देखा जा सकता है।

आकर्षक रूप, सौंदर्य की झलक पक्षी के रंग रूप और उनके व्यवहार पर नजर रखने वाले विशेषज्ञ वीरेंद्र घरात ने इस पक्षी की प्रकृति के बारे में बताया कि यह पक्षी, लगभग एक टिट के आकार का, बहुत लंबा दिखता है। सर्दियों में इसके पंख भूरे और हल्के होते हैं। हालाँकि, जैसे ही गर्मियाँ और प्रजनन का मौसम शुरू होता है, इसके रंग बदल जाते हैं। काले पंखों पर उभरे सफेद धब्बे इसे विशेष रूप से आकर्षक बनाते हैं। इससे इसकी सुन्दरता बढ़ जाती है।

उत्पत्ति आर्कटिक, गंतव्य ठाणेचित्तीदार टर्न मुख्यतः आर्कटिक महासागर के निकटवर्ती क्षेत्रों में प्रजनन करता है। वहां की कठोर ठंड से बचने के लिए यह हर साल हजारों किलोमीटर दूर भारत में, विशेषकर खाड़ीयों के आसपास के क्षेत्रों में प्रवास करता है। ठाणे के नमक क्षेत्रों में इसका आगमन क्षेत्र की जैव विविधता का प्रतीक माना जाता है।

आहार और व्यवहारइसकी लंबी और थोड़ी घुमावदार चोंच सिर के पास लाल रंग की तथा सिरे पर काली होती है। पैर भी काले-लाल रंग के होते हैं। यह पानी में अपनी चोंच से छोटी मछलियों, जलीय कीटों और शंखों को ढूंढता रहता है। यह पक्षी आमतौर पर अकेले या छोटे समूहों में देखा जाता है। आर्द्रभूमि, खाड़ी तट और मीठे पानी के जलाशय इसके पसंदीदा आवास हैं।

पर्यावरण संरक्षण संकेतइस प्रवासी आगंतुक की उपस्थिति ने ठाणे के नमक क्षेत्र में पारिस्थितिक संतुलन और जैव विविधता के महत्व को उजागर किया है। स्थानीय प्रशासन और पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने इन पक्षियों के लिए शांति और उनके प्राकृतिक आवास की सुरक्षा की अपील की है।

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हिन्दुस्थान समाचार / रवीन्द्र शर्मा

   

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