पार्टी की सदस्यता रद्द करने का अधिकार किसी को नहींः विद्या भंडारी
- Admin Admin
- Jul 25, 2025
(पुनः जारी...)
काठमांडू, 25 जुलाई (हि.स.)। नेपाल की पूर्व राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एमाले) की उनकी सदस्यता रद्द करने के फैसले को लेकर पार्टी अध्यक्ष एवं प्रधानमंत्री केपी शर्मा 'ओली' पर हमला बोला है। भंडारी ने कहा कि पार्टी की सदस्यता रद्द करने का अधिकार किसी को नहीं है।
पिछले महीने जून में नेपाल म्युनिस्ट पार्टी (एमाले) की फिर से सदस्यता लेकर सक्रिय राजनीति में लौटने की घोषणा करने वाली पूर्व राष्ट्रपति भंडारी ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता जाहिर की। भंडारी ने कहा कि वे 45 वर्षों से पार्टी की सदस्य रही हैं। उनकी सदस्यता रद्द करने का कोई वैध कारण नहीं है। उन्होंने कहा, मैं भावनाओं में बात नहीं कर रही हूं। मैं देशभर में पार्टी कार्यकर्ताओं से आह्वान करती हूं कि वे मदन भंडारी की कल्पना के अनुसार पार्टी के मिशन को आगे बढ़ाना जारी रखें।
अपनी सदस्यता रद्द किए जाने से दुखी भंडारी ने कहा, मैं दुखी जरूर हूं लेकिन झुकी नहीं हूं। यह पार्टी हजारों सदस्यों के खून-पसीने से बनी है। यहां किसी व्यक्ति विशेष की हुकूमत नहीं चलेगी। उन्होंने अपनी राजनीतिक स्वतंत्रता के अधिकार को प्रतिबंधित करने वाले निर्णयों पर निराशा व्यक्त करते हुए चेतावनी दी कि इस तरह के कदम से पार्टी कमजोर होती जाएगी।
उल्लेखनीय है कि भंडारी 2015 से 2023 तक नेपाल की दो बार राष्ट्रपति रहीं। वर्ष 2015 में राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने पार्टी की सदस्यता छोड़ दी थी, क्योंकि यह पद मुख्य रूप से प्रतीकात्मक और गैर-राजनीतिक होता है। राष्ट्रपति बनने से पहले वह नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एमाले) की वरिष्ठ नेता थीं। वे पार्टी की उपाध्यक्ष रह चुकी थीं। माधव कुमार नेपाल के प्रधानमंत्रित्वकाल में वह 2009 में रक्षा मंत्री भी रही हैं।-----------
हिन्दुस्थान समाचार



