फॉरवर्ड ब्लॉक ने कुणाल घोष की नेताजी पर टिप्पणी को लेकर तृणमूल से कार्रवाई की मांग की

कोलकाता, 07 जनवरी (हि. स.)। नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा 1939 में कांग्रेस से अलग होकर बनाई गई राजनीतिक पार्टी ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक (एआईएफबी) ने तृणमूल कांग्रेस से अपील की है कि वह पार्टी नेता कुणाल घोष के नेताजी पर की गई विवादास्पद टिप्पणी पर कार्रवाई करें।

इस सप्ताह की शुरुआत में, घोष ने कहा था कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कांग्रेस से अलग होकर तृणमूल कांग्रेस का गठन कर जो सफलता हासिल की, वह नेताजी अपने पूरे राजनीतिक जीवन में नहीं कर पाए।

फॉरवर्ड ब्लॉक के महासचिव जी. देवराजन ने इस टिप्पणी को निंदनीय बताते हुए एक बयान जारी किया और इसे मुख्यमंत्री को खुश करने का प्रयास करार दिया। उन्होंने नेताजी के स्वतंत्रता संग्राम में दिए गए अप्रतिम योगदान की याद दिलाते हुए ममता बनर्जी से अपील की कि वह सुनिश्चित करें कि तृणमूल कांग्रेस के नेता इस तरह इतिहास का अपमान न करें।

फॉरवर्ड ब्लॉक नेतृत्व ने घोष की तुलना को अनुचित बताते हुए कहा कि दोनों घटनाओं के ऐतिहासिक संदर्भ अलग-अलग हैं। पश्चिम बंगाल के एक भाजपा नेता ने कहा कि नेताजी ने भारतीय राष्ट्रीय सेना का गठन करने के लिए देश छोड़ दिया था, ताकि भारत को ब्रिटिश शासन से आजादी दिलाई जा सके। इस कारण उन्हें देश के संसदीय राजनीति में भाग लेने का अधिक अवसर नहीं मिला।

वहीं, घोष ने अपनी टिप्पणी का बचाव करते हुए नेताजी के योगदान को अद्वितीय बताया, लेकिन साथ ही ममता बनर्जी की उपलब्धियों की सराहना की। घोष ने कहा कि जिस तरह ममता बनर्जी ने अपनी पार्टी बनाई और राज्य तथा राष्ट्रीय राजनीति में अपनी छाप छोड़ी, वह सराहनीय है।

घोष ने कांग्रेस पर भी निशाना साधते हुए कहा कि ममता बनर्जी को कांग्रेस ने लंबे समय तक मान्यता नहीं दी, जबकि उन्होंने पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चा शासन के खिलाफ संघर्ष किया। उन्होंने दावा किया कि राज्य के लोगों ने बार-बार यह साबित किया है कि उन्होंने कांग्रेस से उनके निष्कासन को स्वीकार नहीं किया।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

   

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